गुजरात में राजनीतिक घटनाक्रम अचानक बदल गया है। मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना त्यागपत्र सौंपा है। इसके बाद अब राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन इस ओर सबकी नजर टिकी हुई है।
माना आभार
अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद विजय रुपानी ने भारतीय जनता पार्टी का आभार माना है। उन्होंने कहा कि, पार्टी ने पांच वर्ष तक उन्हें अवसर दिया इसके लिए आभार है। पार्टी आगे जो भी जिम्मेदारी देगी वह करूंगा।
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विजय की चिंता में विजय का त्यागपत्र
चुनाव के पहले विजय रूपानी का त्यागपत्र लेना एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है। ऐसा आंकलन है कि, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद गुजरात में नेतृत्व कमजोर पड़ा है। जिसका नुकसान उन्हें 2017 में उठाना पड़ा। 2002 से 2017 के बीच हुए विधान सभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में बड़ा अंतर आया है।
वर्ष भाजपा और कांग्रेस में अंतर
2002 10.04%
2007 9.49%
2012 9.00%
2017 7.7%
2017 के विधान सभा चुनाव में 182 सीटों में से भाजपा के हाथ से 99 सीटें छिन गई थीं। इससे बड़ी चिंता यह है कि 1995 के बाद पहली बार कांग्रेस का आंकड़ा 2017 में 77 सीटों तक पहुंचा है। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने तीन सीटें जीत लीं। जो भाजपा के लिए बड़ी चिंता खड़ी करती है।
2022 के विधान सभा चुनाव में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती पेश हो सकती है। इस चुनाव में भाजपा की लड़ाई चौतरफा हो सकती है। एक ओर कांग्रेस है तो दूसरी और आम आदमी पार्टी, आआईएमआईएम है। इसलिए अगले मुख्यमंत्री का चुनाव कार्यप्रणाली, सामाजिक समीकरण और जातिगत वोट बैंक को आधार रखकर किया जा सकता है।
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