काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से सम्बद्ध महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुलपति प्रो. सुधीर जैन की अगुवाई में रोजा इफ्तार के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीएचयू इकाई के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल कुलपति आवास के सामने हनुमान चालीसा का पाठ कर जय हनुमान के नारे भी लगाये।
छात्रों ने नारे लगाते हुए कहा कि मौलाना सुधीर कुमार जैन होश में आओ। कार्यकर्ताओं ने कहा कि परिसर में रोजा इफ्तार की पार्टी हो सकती है तो फिर हनुमान चालीसा का पाठ क्यों नहीं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि परिसर में नई परंपरा शुरू की गई है। रोजा इफ्तार के बाद परिसर में जातिवाद और भारत विरोधी स्लोगन लिखकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई। हम इस कृत्य का सख्त विरोध करते हैं। बीएचयू काे एएमयू और जेएनयू नहीं बनने देंगे।
बीएचयू प्रशासन ने दी सफाई
उधर, इस मामले में बीएचयू प्रशासन ने कहा है कि भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित सर्वविद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक समावेशी संस्थान है। विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता, शोध व अनुसंधान तथा अपनी समग्रता के लिए वैश्विक ख्याति प्राप्त है। यहां दुनिया भर के विद्यार्थी आते हैं और स्वच्छन्दता के साथ व निर्भय होकर शिक्षा अर्जित करते हैं। महामना के मूल्यों व आदर्शों के अनुरूप स्थापित इस विश्वविद्यालय में किसी भी आधार पर, किसी के साथ भी भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। सबके के प्रति समानता के भाव संबंधी महामना का सद्वाक्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उल्लिखित है। महामना के जीवन दर्शन के आधार पर ही विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है।
महामना के विचारों का पालन
विवि प्रशासन ने कहा कि महामना ने जिन मूल्यों को केन्द्र में रखकर ये विश्वविद्यालय स्थापित किया उन मूल्यों का अनुसरण करते हुए विश्वविद्यालय में विभिन्न त्योहारों व उत्सवों का आयोजन होता है, जिसमें विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य आपसी प्रेम व सद्भाव के साथ उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। बीते 27 अप्रैल को महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें कुलपति प्रो. सुधीर जैन को आमंत्रित किया गया था।
विरोधियों पर आरोप
विश्वविद्यालय में कई वर्षों से रोजा इफ्तार का आयोजन होता रहा है और बीएचयू परिवार के मुखिया के रूप में कुलपति जब भी परिसर में उपलब्ध होते हैं, इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं तथा विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हैं। पूर्व में कई बार विभिन्न कुलपतियों ने इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ बैठकर इफ्तार की है। इस संबंध में विश्वविद्यालय का शैक्षणिक व सद्भावपूर्ण वातावरण बिगाड़ने की कोशिश निंदनीय है।