Haryana Assembly Polls: हरियाणा (Haryana) में तीसरी बार सत्ता (third time in power) के लिए कोशिश कर रही बीजेपी टिकट बंटवारे (BJP ticket distribution) में फूंक फूंक कर कदम रख रही है। वहीं कांग्रेस (Congress) के लिए चुनाव से पहले ही सूत न कपास जुलाहे संग लट्ठम लट्ठा की कहावत चरितार्थ हो रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में दावेदारों की लंबी सूची हो गई है।
कांग्रेस का दलित चेहरा सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हर हाल में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। कुमारी शैलजा का यह बयान हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था की कोई भी सांसद विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा।
यह भी पढ़ें- NIA Raid: एनआईए ने चार नक्सल प्रभावित राज्यों में की छापेमारी, जानें पूरा प्रकरण
जमकर गुटबाजी
कुमारी शैलजा ने कहा कि मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाई कमान की अनुमति लेनी पड़ी तो जरूर लूंगी। समझा जाता है कि कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी कुमारी शैलजा के साथ खड़े हैं। अगर सांसद चुनाव लड़ते हैं तो रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी विधानसभा चुनाव के मैदान में आ सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस की गुटबाजी को रोकना कांग्रेस आला कमान के लिए एक चुनौती बन गई है।
यह भी पढ़ें- Uttar Pradesh: फर्रुखाबाद में नाबालिग किशोरियों की कथित आत्महत्या, दो लोगों पर मामला दर्ज
बीजेपी ने बदली रणनीति
10 साल के शासनकाल के बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा से चुनाव लड़ सकते हैं। बीजेपी ने अपने 50 उम्मीदवारों की सूची को हरी झंडी दे दी है जिनके सिंगल नाम केंद्रीय आला कमान को भेजे गए। बीजेपी दो दर्जन सीटों पर नए चेहरे चुनाव मैदान में लाएंगी। कई विधायकों और मंत्रियों के टिकट कटने तय हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद में बदलाव कर दिया था। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी वोटरों को संदेश देने की कोशिश की थी। देखना होगा कि नायब सिंह सैनी बीजेपी की चुनावी नैया को कैसे पार लगाते हैं।
यह भी पढ़ें- Chattisgarh: बीजापुर में 24 लाख का इनामी नक्सल कमांडर गिरफ्तार, जानें कौन है वो
बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से लड़ेगी चुनाव
लोकसभा चुनाव में जिस तरह से नतीजे आए हैं उससे सीख लेते हुए भाजपा के रणनीतिकार हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए चुनाव में शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भरोसे में लेकर चल रहे हैं। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने के कारण अपनी रणनीति में बदलाव किया है। भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति को जो पैनल भेजे हैं उनमें रस की राय को प्रमुखता से शामिल किया गया है आरएसएस और भाजपा के ग्राउंड सर्वे में हालांकि कई मौजूदा मंत्री और विधायक चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है लेकिन पार्टी ने केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे पैनलों में उनके नाम इसलिए रखे हैं ताकि चुनाव में किसी दूसरे को टिकट मिलने पर उनके विरोध को काम किया जा सके। आरएसएस की सहमति के बाद भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति ने हरियाणा से तीनों केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल कृष्ण पाल गुर्जर और राव इंद्रजीत के साथ सभी सांसदों राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व सांसदों के बीच विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। बीजेपी ने हरियाणा में अधिकतर दिग्गजों को चुनाव लड़वाकर कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने की रणनीति बनाई है।
यह भी पढ़ें- Manipur: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफे की मांग पर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा
ताऊ देवीलाल की इनेलो पार्टी का अस्तित्व खतरे में
इंडियन नेशनल लोकदल हरियाणा में सत्ता से 19 सालों से दूर है। सरकार में वापसी के लिए इंडियन नेशनल लोकदल ने तीसरी बार बहुजन समाज पार्टी से समझौता किया है गठबंधन में 53 सीटों पर इंडियन नेशनल लोकदल चुनाव लड़ेगा और बसपा 37 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी दोनों दलों की रणनीति पिछड़ा और जाट समुदाय के गठजोड़ का समीकरण बनाकर बीजेपी और कांग्रेस को चुनौती देने की रणनीति बना रही है।
यह भी पढ़ें- Andhra Pradesh: गर्ल्स हॉस्टल के वॉशरूम में मिला गुप्त कैमरा, छात्रों ने किया प्रदर्शन
दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर रावण से मिलाया हाथ
हरियाणा में 4:30 साल तक बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली जननायक जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नया राजनीतिक साथी ढूंढ लिया है। जननायक जनता पार्टी हरियाणा में सांसद चंद्रशेखर रावण के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी काशीराम के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। चंद्रशेखर रावण उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद हैं।
यह भी पढ़ें- Maharashtra: ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिया हिस्सा, जानें क्या कहा
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से हरियाणा में मांगी सीटें
समाजवादी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तीन से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है यह सीटें दक्षिण हरियाणा में है जो यादव और मुस्लिम बाहुल्य है समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से इस बारे में अपनी बात कही है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव और 7 सीटें मुस्लिम बहुल है इनमें पांच सीटों पर वह चुनाव लड़ सकती है ।
यह भी पढ़ें- Nagzira Wildlife Sanctuary: नागजीरा वन्यजीव अभयारण्य के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी को हिस्सेदारी नहीं
दक्षिण हरियाणा की महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह और पलवल सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को हमने अपनी बात बता दी है ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी अगर इन दो राज्यों में समाजवादी पार्टी को हिस्सेदारी नहीं मिली तो उत्तर प्रदेश में भी उसकी ओर से कांग्रेस को कोई सीट दिए जाने की संभावना नहीं है।
भाजपा के ग्राउंड सर्वे
खता से शामिल किया गया है आरएसएस और भाजपा के ग्राउंड सर्वे में हालांकि कई मौजूदा मंत्री और विधायक चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है लेकिन पार्टी ने केंद्रीय चुनाव समिति को भेज पैनलों में उनके नाम इसलिए रखे हैं ताकि चुनाव में किसी दूसरे को टिकट मिलने पर उनके विरोध को काम किया जा सके। रस की सहमति के बाद भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति ने हरियाणा से तीनों केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल कृष्ण पाल गुर्जर और राव इंद्रजीत के साथ सभी सांसदों राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व सांसदों के बीच विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। बीजेपी ने हरियाणा में अधिकतर दिग्गजों को चुनाव लड़वाकर कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने की रणनीति बनाई है।
यह भी पढ़ें- IMA study: ‘इतना’ प्रतिशत महिला डॉक्टर नाईट ड्यूटी के दौरान असुरक्षित, आईएमए अध्ययन का दावा
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से हरियाणा में मांगी सीटें
समाजवादी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तीन से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है यह सिम दक्षिण हरियाणा में है जो यादव वह मुस्लिम माहौल है समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से इस बारे में अपनी बात कही है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव और 7 सीटें मुस्लिम बहुल है इनमें पांच सीटों पर वह चुनाव लड़ सकती है ।
यह भी पढ़ें- Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में गहराया आर्थिक संकट, मंत्रियों का वेतन रोका
महाराष्ट्र और हरियाणा में मांग
दक्षिण हरियाणा की महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह और पलवल सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को हमने अपनी बात बता दी है ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी अगर इन दो राज्यों में समाजवादी पार्टी को हिस्सेदारी नहीं मिली तो उत्तर प्रदेश में भी उसकी ओर से कांग्रेस को कोई सीट दिए जाने की संभावना नहीं है।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community