Punjab: पजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा के लिए दी गई 10 एकड़ जमीन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान की नाकामी है।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इससे पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन देने से उनके इन प्रयत्नों से पंजाब के साथ बनी निकटता को ठेस पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की अपील
वह आगे लिखते हैं कि मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र/दिल्ली के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और मैं प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और इस फैसले को रद्द करने की अपील करता हूं।
चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर
सुनील जाखड़ ने आगे लिखा है कि जिस मुद्दे पर पंजाब की सभी पार्टियां एकमत थीं, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री की नासमझी के कारण चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर हो गया है।
उन्होंने कहा है कि जयपुर में जब उत्तरीय जोनल कौंसल की मीटिंग में केन्द्रीय गृह मंत्री के सामने हरियाणा के विधान सभा के लिये यह जमीन मांगी थी, तो पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने इसका विरोध करने की बजाय पंजाब की विधानसभा के लिये भी जमीन मांगकर हरियाणा की मांग पर अपने समर्थन की मोहर लगा दी थी।
नौसिखिए मुख्यमंत्री भगवंत मान
उन्होंने कहा है कि पंजाब के नौसिखिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे पर लिये पंजाब विरोधी स्टैंड की सजा पंजाब के लोग ना भुगते इस लिये प्रधानमंत्री इस विषय पर दखल देें और इस फैसले पर पुर्नविचार हो। उन्होने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट का अंत पंजाब दी बात जरूरी है के साथ किया है।