Water crisis: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में पानी का संकट है। इसलिए हिमाचल प्रदेश कर सरकार को दिल्ली के लिए पानी छोड़ना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का किया स्वागत
उन्होंने 13 जून को एक बयान जारी कर कहा कि हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर यह आश्वासन दिया कि 187 क्यूसीक पानी दिल्ली को देगा। इस आश्वासन से दिल्ली की जनता को बहुत सन्तोष हुआ परन्तु दो दिन बाद ही हिमाचल प्रदेश की सरकार ने कहा है कि प्रदेश के पास अतिरिक्त पानी नही हैं। इसलिए पानी नहीं देगी। साथ में यह भी कहा है कि इस सम्बंध में हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर क्षमा याचना करेगी।
हिमाचली के नाते मैं शर्मिदाः शांता कुमार
शान्ता कुमार ने कहा कि पूरा समाचार पढ़कर हैरानी भी हुई और हिमाचली के नाते मैं शर्मिदा भी हुआ। प्रदेश सरकार ने हल्फिया बयान देकर सुप्रीम कोर्ट में जब पानी देने का वायदा किया तो उससे पहले विभाग से पूरी रिपोर्ट ली होगी। हिमाचल सरकार की यह कार्यवाही दुर्भाग्यपूर्ण और बचकानी है। ऐसी गैर जिम्मेदारी का व्यवहार किसी प्रदेश सरकार ने देश के सुप्रीम कोर्ट से कभी नहीं किया होगा।
कुमार ने हिमाचल सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश पूरा नहीं तो कुछ न कुछ पानी प्यासी दिल्ली के लिए अवश्य दे। कुछ ही दिनों में बारिश शुरू होनी वाली है। हिमाचल में तो स्थानीय बादलों से भी वर्षा शुरू हो जाएगी। कुछ ही दिनों में वर्षाा के कारण यह सारी समस्या समाप्त हो जाएगी। हिमाचल सरकार इस बात का भी ध्यान रखें कि दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के लाखों लोग रहते हैं, उनका भी हिमाचल प्रदेश के पानी पर अधिकार हैं।
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