इंडोनेशिया की राजशाही में लौटा हिंदुत्व!

इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है। एक समय था, जब यहां हिंदू धर्म का काफी प्रभाव था। यह पहली शताब्दी के शुरू में जावा और सुमात्रा तक फैल गया और 15वीं सदी तक इन देशों में हिंदू धर्म काफी समृद्ध हो गया।

170

पाकिस्तान के बाद अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भी हिंदुओं पर मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बढ़ रहा है, वहीं इंडोनेशिया से हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अच्छी खबर है। यहां ऐसा कुछ होने जा रहा है कि लोगों के मन में स्वाभाविक रुप से यह सवाल उठने लगा है कि क्या विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम देश में हिंदू धर्म की वापसी होने जा रही है। फिलहाल इस तरह के संकेत तो मिल रहे हैं।

इंडोनेशिया के बाली के सिंगराजा शहर की सुकमावती सुकर्णोपुत्री हिंदू धर्म अपनाने जा रही हैं। 26 अक्टूबर को वे पूरे विधि-विधान से हिंदू धर्म अपना लेंगी। सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया के संस्थापक राष्ट्रपति सुकर्णो और उनकी तीसरी पत्नी फातमावती की पुत्री हैं। इसके साथ ही वे इंडोनेशिया की पांचवीं राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की बहन भी हैं।
उनके इस निर्णय का देश की कई हस्तियों ने स्वागत किया है।

पेश करने जा रही हैं एक उदाहरण
70 वर्षीय सुकमावती का यह निर्णय उन्हें वहां की महान हस्तियों में से एक बनाता है। वह मुस्लिम धर्म छोड़ने के साथ ही हिंदू धर्म अपनाकर एक उदाहरण पेश करने जा रही हैं। उनके इस निर्णय का उनके भाइयों गुंटूर सोएकर्णोपुत्र, गुरुह सोएकर्णोपुत्र और बहन मेगावती सुकर्णोपुत्री ने भी प्रशंसा की है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके तीनों बच्चों ने भी उनके निर्णय को स्वीकार किया है।

अपनाना चाहती हैं अपने पूर्वजों का धर्म
70 साल की उम्र में सुकमावती ने हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा की है। इसका कारण यह है कि वे अपने पूर्वजों के धर्म को अपनाना चाहती हैं। उनकी दादी न्योमन राय सिरिम्बेन अभी भी एक हिंदू हैं। वह बाली की नागरिक हैं। सुकमावती सुकर्णोवती पहले भी कई हिंदू समारोहों में शामिल होती रही हैं। इस दौरान वे हिंदू धर्म के विद्वानों से धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करती रही हैं।

ये भी पढ़ेंः अफगानिस्तान में सिखों पर ढाए जा रहे हैं कैसे-कैस जुर्म! जानने के लिए पढ़ें ये खबर

15वीं सदी तक इन देशों में हिंदू धर्म था काफी समृद्ध
बता दें कि इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है। एक समय था, जब यहां हिंदू धर्म का काफी प्रभाव था। यह पहली शताब्दी के शुरू में जावा और सुमात्रा तक फैल गया और 15वीं सदी तक इन देशों में हिंदू धर्म काफी समृद्ध हो गया। लेकिन बाद के वर्षों में लोगों ने इस्लाम अपनाना शुरू कर दिया और हिंदुओं की संख्या कम होने लगी। धीरे-धीरे वहां हिंदू अल्पसंख्यक हो गए।

सबदापालन ने की थी भविष्यवाणी
सबदापालन इंडोनेशिया के सबसे शक्तिशाली मजापहित साम्राज्य के राजा ब्रविजय पांचवीं के दरबार में पुजारी थे। देश में इस्लाम का प्रभाव बढ़ने पर 1478 में ब्रविजय पांचवीं ने इस्लाम धर्म अपना लिया। उस समय सबदापालन ने राजा को शाप दे दिया। उन्होंने देश में प्राकृतिक आपदा आने का शाप देते हुए पांच सौ साल बाद फिर से हिंदू धर्म की वापसी की भविष्यवाणी की। उन्होंने अपनी भविष्यवाणी में देश में इस्लाम धर्म त्याग कर फिर से हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या बढ़ने की बात कही थी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.