Indian Foreign Policy: नई दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रूटो (William Samoei Ruto) के साथ वार्ता की। इस दौरान भारत और केन्या (India and Kenya) के बीच पाँच समझौता ज्ञापनों के आदान प्रदान भी हुए। साथ ही खेल, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को लेकर विचार विमर्श हुआ।
भारत की विदेश नीति में अफ्रीका की प्राथमिकता
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता का स्थान दिया गया है। पिछले लगभग एक दशक में हमने मिशन मोड में अफ्रीका के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति रुटो की यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पूरे अफ्रीका महाद्वीप के साथ हमारे engagement को नया बल मिलेगा।
भारत-कीनिया संबंध काफी पुराना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष हम भारत और कीनिया के राजनयिक संबंधों (diplomatic relations) की साठवीं वर्षगाँठ मना रहे हैं, किन्तु हमारे संबंधों का हज़ारों वर्ष पुराना इतिहास है। मुंबई और मोम्बासा को आपस में जोड़ता हुआ विशाल हिंद महासागर हमारे प्राचीन संबंधों का साक्षी रहा है। इस मज़बूत नींव पर हम सदियों से साथ मिलकर आगे बढ़ते रहे हैं। पिछली सदी में हमने मिलकर उपनिवेशवाद का विरोध किया। भारत और कीनिया ऐसे देश हैं जिनका अतीत भी साझा है, और भविष्य भी।
समुद्री सहयोग पर संयुक्त विज़न वक्तव्य
उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर से जुड़े हुए देशों के रूप में समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी हमारी साझा प्राथमिकता के विषय हैं। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आपसी सहयोग को मज़बूत करने के लिए हम समुद्री सहयोग पर संयुक्त विज़न वक्तव्य जारी कर रहे हैं । कीनिया और भारत का करीबी सहयोग इंडो-पेसिफिक में हमारे सभी प्रयासों को बल देगा। भारत और कीनिया एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। इस संबंध में हमने counter-terrorism के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
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