केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली महानगर पालिका संशोधन विधेयक 2022 प्रस्तुत किया। उन्होंने इस अवसर पर सदन को यह बताया कि, यह क्यों आवश्यक है और इसके दूरगामी लाभ क्या होंगे। गृहमंत्री ने नई दिल्ली विधान सभा में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर संताप व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि, वह दिल्ली नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी को व्यवस्थित रखने और सुचारू संचालन में दिक्कतें सामने आ रही हैं।
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गृहमंत्री के संबोधन की विशेष बातें
⇒> जो बिल मैं लेकर आया हूं। उसके उद्देश्य में रखना चाहता हूं- तीन नगर निगमों को एक करके फिर से दिल्ली नगर निगम को एक बनाया जाए।
⇒> दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसके कारण सारे नगर निगम अपने दायित्वों को निर्वहन करने के लिए खुद को पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं पाते हैं।
⇒> संसाधन और सहकारितावादी और सामरिक योजना की दृष्टि से एक ही निगम पूरी दिल्ली की सिविक सेवाओं का ध्यान रखेगा तो उचित होगा।
⇒> नगर निगम की सेवाओं को और दक्षता और पारदर्शिता के साथ चलाया जाए, ये संशोधन भी इस बिल में हैं।
⇒>दिल्ली के पार्षदों की संख्या को सीमित करने का भी प्रस्ताव इस बिल में है। उन्होंने बताया कि पार्षदों की संख्या को 250 की सीमा में लाया जाएगा।
⇒> नागरिक सेवाओं को कहीं भी और कभी भी, के सिद्धांत के आधार पर व्यवस्थित किया जाए।
HM Shri @AmitShah speaks on The Delhi Municipal Corporation (Amendment) Bill, 2022 in Lok Sabha. https://t.co/3tHUIpFSHa
— BJP (@BJP4India) March 30, 2022
अमित शाह ने कहा कि, दिल्ली नगर निगम राजधानी क्षेत्र के 95 प्रतिशत हिस्से की सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी निभाते हैं। करीब 1.20 लाख कर्मचारी तीनों निगमों में काम करते हैं। पिछले दस वर्षों के अनुभवों का केंद्र सरकार ने बारीकी से विश्लेषण किया है और जो तथ्य सामने आया है, उसको लेकर सरकार ने तय किया है कि दिल्ली के तीनों निगमों का एकीकरण करके उसे पहले जैसी स्थिति में लाया जाए।
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