महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार की ऑटो रिक्शा सरकार के तीनों पहिए एक बार फिर हिलते हुए दिख रहे हैं। इस कारण सरकार का संतुलन बिगड़ रहा है। पिछड़े वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के बीच तलवार खींच चुकी है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी अजित दादा को सीधे-सीधे चेतावनी दे दी है।
मराठा के बाद किसान भी नाराज
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटील ने उजनी डैम के पानी को इंदापुर लाने की कोशिश शुरू कर दी है, इसलिए किसान नाराज हैं। दूसरी ओर मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय में भी आक्रोश व्याप्त है। भारतीय जनता पार्टी इस समाज का नेतृत्व कर रही है। इस स्थिति में महाविकास आघाड़ी सरकार हर तरफ से संकट में है। इस बीच विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है।
एक महीने बाद हुई मुलाकात
एक महीने बाद मुख्यमंत्री और शरद पवार से यह मुलाकात हुई है। 26 मई की शाम करीब साढ़े पांच बजे पवार ने सीएम के सरकारी आवास वर्षा पर जाकर उनसे मुलाकात की। बैठक आधे घंटे तक चली। बता दें कि कैबिनेट की बैठक 27 मई को होनी है। बैठक में पिछड़े वर्ग के लोगों को नौकरियों में पदोन्नति के लिए आरक्षण को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के बीच विवाद होने की संभावना है। इस पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण है।
शिवसेना ने कही ये बात
हालांकि शिवसेना के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि पवार का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था। कोरोना का माहौल है। ऐसे में भी वे लोगों की समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे।
इस विषय पर हुई चर्चा
पता चला है कि बैठक में मराठा आरक्षण के साथ-साथ तूफान पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता, कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।आरक्षण रद्द होने के बाद मराठा समुदाय आंदोलन करने की तैयारी में है। पता चला है कि बैठक में इस पर भी चर्चा हुई है। इसके साथ ही राज्य में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने को लेकर भी सीएम ने पवार से सलाह ली है।
पवार फिर सक्रिय
पित्ताशय की थैली के ऑपरेशन के एक महीने बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से यह मुलाकात की है। समझा जा रहा है कि वे एक बार फिर स्वस्थ होकर राजनीति में सक्रिय हो गए हैं।