महाराष्ट्र में शिवसेना में फूट के बाद अब पार्टी दो गुटों में बंट गई है, हालांकि इस फूट से पार्टी की ताकत कम हो गई है, लेकिन शिवसेना के ठाकरे गुट ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ अपना महाविकास गठबंधन बरकरार रखा है। वहीं, वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ गठबंधन से पार्टी की ताकत बढ़ी है। हालांकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना का प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ गठबंधन है, लेकिन उनकी पार्टी महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी और देश में विपक्ष के आई.एन.डी.आई.ए गठबंधन में है। हालांकि, प्रकाश आम्बेडकर मविआऔर इंडिया अलायंस से अलग है। इसलिए ठाकरे गुट और वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच गठबंधन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में शिवसेना (ठाकरे गुट), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के 16-16 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। महाविकास आघाड़ी प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी को अपने साथ लेने के पक्ष में नहीं है, इसलिए, राजनीतिक विश्लेषकों का सुझाव है कि शिवसेना के ठाकरे गुट को अपने कोटे की 16 सीटों में से कुछ सीटें वंचित बहुजन आघाड़ी को देनी चाहिए।
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प्रकाश आंबेडकर ने बताया झटका देने वाला प्लान
इस बीच, वंचित बहुजन आघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने आगामी लोकसभा सीट आवंटन और शिवसेना के साथ गठबंधन पर टिप्पणी की है। प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी तय नहीं हुआ है। हमने चुनाव को लेकर अपने रुख के बारे में शिवसेना को बता दिया है। अगर महाविकास आघाड़ी में सीटें तय हो गईं तो शिवसेना और वंचित बहुजन आघाड़ी का हिस्सा शुरू हो जाएगा। हमने सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए और सीट शेयरिंग पर समझौता नहीं होने पर राज्य की 48 सीटों के लिए तैयारी शुरू कर दी है।