जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को बड़ा विकल्प प्राप्त हुआ है। जिसे केंद्रीय चुनाव आयोग से मान्यता मिल गई है। इक्क जुट्ट जम्मू के नाम से नए राजनीतिक दल का उदय हुआ है। जो भारतीय जनता पार्टी का विकल्प बनने के लिए तैयार है।
राज्य की राजनीति में एक नई कड़ी इक्क जुट्ट जम्मू के नाम से जुड़ गई है। जम्मू के हित, राज्य में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा और कश्मीर की खिदमत करनेवाली सत्ता के लिए अब चुनौती का नया फ्रंट खड़ा हो गया है। जो इक्क जुट्ट नामक प्रखर राष्ट्रवादी और हिंदुवादी युवाओं के दल के रूप में आकार ले चुका है। इस दल को लगभग 11 महीनों के प्रयत्नों के पश्चात केंद्रीय चुनाव आयोग से मान्यता मिल गई है।
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राज्य में भारतीय जनता पार्टी का विकल्प खड़ा हो गया है। अब हिंदुओं के रक्षा की लड़ाई को गति मिलेगी और उसे परिणाम प्राप्ति तक ले जाएंगे। अब तक जम्मू कश्मीर की बात कहकर जम्मू की अनदेखी की जाती रही है, जो स्वीकार नहीं थी, लेकिन अब उसके लिए हम जनता के पास जाकर उनका सहयोग प्राप्त करेंगे और जनशक्ति के बल पर जनसत्ता स्थापित करेंगे।
राज्य में विधान सभा सीटों के परिसीमन के लिए 2011 के फर्जी और विवादास्पद जनगणना को आधार बनाया गया है। इसके कारण जनसंख्या में अधिक और हिंदू बहुल जम्मू के साथ फिर अन्याय हो रहा है। यह वर्तमान शासन का अन्याय है, जिसको लेकर हम अपना स्वर उठा रहे हैं और अब इसे जनता की बीच लेकर खड़े होंगे। जम्मू के संसाधनों को, विकास कार्यों को कश्मीर की तरफ मोड़ देना सामान्य प्रथा रही है, जो अब भी भाजपा के कार्यकाल में चल रही है, यह अन्याय अब स्वीकार नहीं होगा।
अंकुर शर्मा – अध्यक्ष, इक्क जुट्ट जम्मू
युवा शक्ति है इक्क जुट्ट
इक्क जुट्ट जम्मू नामक राजनीतिक दल युवाओं की एक शक्ति है, जो प्रदेश के राजनीतिक दृष्टिकोण को मुस्लिम परस्ती से हटाकर हिंदुओं के अधिकार दिलाने के लिए प्रयत्नशील रहे हैं। इक्क जुट्ट जम्मू अलग से जम्मू राज्य के गठन की मांग भी लंबे काल से करता रहा है। यह पाकिस्तान परस्ती, जिहादी मानसिकता का प्रबल विरोधी दल है।
Election Commission of India (ECI) registers IkkJutt Jammu as a Political Party.
Process of Candidate Selection for coming Assembly Elections will start soon. pic.twitter.com/8dOSTVC5Vg
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) December 29, 2021
भ्रष्टाचार, अन्याय और आतंक समाप्ति ध्येय
अंकुर शर्मा कहते हैं, इस्लाम के नाम पर हिमालयीन सभ्यता की समाप्ति का षड्यंत्र लंबे काल से जम्मू कश्मीर में खेला जा रहा है। यह कश्मीर से होकर, जम्मू और उसके बाद देश के अन्य हिस्सों में फैलाने का षड्यंत्र है। जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। इसके साथ ही हमारी लड़ाई प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार से और आतंक से भी है। अब तक की सभी सरकार कश्मीरी पंडितों के जघन्य हत्याकांड को नरसंहार का दर्जा देने में विफल रही हैं, हम अब इस अन्याय को नहीं होने देंगे। सत्ता प्राप्ति अब उपभोग के लिए नहीं बल्कि जनहित के लिए होगी।