कोरोना काल में जहां देश में चिकित्सीय सेवा की अति आवश्यकता है, वहीं एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताकर योग गुरु बाबा रामदेव ने विवाद पैदा कर दिया है। उनके इस बयान के बाद पैदा हुआ विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा उनके बयान को लेकर आपत्ति जताने के बाद बाबा ने माफी मांग ली थी, लेकिन उसके बाद भी एलोपैथी चिकित्सा को लेकर वे सवाल उठाते रहे। इस वजह से यह टकराव बढ़ता दिख रहा है।
योग गुरु की इस तरह की बयानबाजी से नाराज आईएमए की उत्तराखंड यूनिट ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में बाबा से 15 दिनों के भीतर माफी मांगने की लिए कहा गया है।
नोटिस में क्या है?
भेजे गए नोटिस में लिखा गया है कि अगर योग गुरु एलोपौथी को लेकर अपने बयान पर 15 दिन के भीतर माफी नहीं मांगते हैं और उस बयान को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से नहीं हटाते हैं तो बाबा के खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा ठोका जाएगा।
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छह पेज का नोटिस
आईएमए उत्तराखंड के प्रदेश सचिव डॉ. अजय खन्ना की ओर से छह पेज का यह नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाबा के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर की 50 लाख की मानहानि के अनुसार कुल 1000 करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा।
नोटिस की खास बातें
- बाबा का सोशल मीडिया पर एलोपैथी को लेकर वायरल वीडियो एलोपैथी के डॉक्टरों की छवि खराब करने का प्रयास
- मानहानि के साथ ही एफआईआर भी कराई जाएगी दर्ज
- नोटिस मिलने के 76 घंटों के भीतर दिव्य श्वासारि कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश
- बाबा ने अपने विज्ञापन में इसे बताया है कोरोना संक्रमण रोकने में प्रभावकारी
- इस मामले में भी आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज कराई जाएगी एफआईआर
- मुख्यमंत्री तीरथराज सिंह रावत से मिलकर बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की करेंगे मांग