युद्ध के बादलों के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 23 फरवरी की शाम रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए। इमरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष निमंत्रण पर अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे। यहां हवाई अड्डे पर रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई अलेक्सेयेविच रयाबकोव ने इमरान खान और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान मॉस्को यात्रा के दौरान आर्थिक सहयोग सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल में प्रधानमंत्री खान के अलावा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद युसुफ, मंत्री फवाद चौधरी, ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर के अलावा अन्य मंत्री और अन्य लोग शामिल हैं। माना जा रहा है कि इमरान रूसी कंपनियों के सहयोग से लंबे समय से लंबित बहु-अरब डॉलर की गैस पाइपलाइन के निर्माण पर जोर देंगे।
2015 में रूस-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन पर समझौता
रूस-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन समझौता 2015 में किया गया था, लेकिन रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण पाइपलाइन बिछाने का काम लगातार टलता रहा। इसी को तेज करने के लिए इमरान खान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मिलकर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं।
क्या भारत की कीमत पर रूस पाकिस्तान से दोस्ती करेगा?
पूरी दुनिया जानती है कि भारत जैसा बड़ा बाजार किसी अन्य देश में नहीं मिलने वाला है। ऐसे में सभी देश भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। रूस पहले ही ये साफ कर चुका है कि उसकी पाकिस्तान के साथ दोस्ती भारत के कीमत पर कभी नहीं होगी। भारत और रूस के बीच सैन्य और आर्थिक संबंध काफी पुराने हैं। उस पर इमरान खान के रूस दौरे का कोई असर पड़ने वाला नहीं दिखाई देता है। रूस दक्षिण एशिया के पुराने प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को अलग-अलग रखना चाहता है। रूस कभी भी पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं करेगा, जिसका असर भारत पर पड़े।