पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के कई प्रांतों में अनुच्छेद-245 लागू किए जाने को लेकर सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर कर इसे अघोषित मार्शल लॉ करार दिया है। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद-245 के अनुसार, देश की सुरक्षा करने में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना बुलाई जा सकती है।
पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद में अनुच्छेद 245 लागू
इमरान खान ने न्यायालय में याचिका दायर कर पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद में अनुच्छेद 245 लागू किए जाने को चुनौती दी है तथा इसे अघोषित मार्शल लॉ करार दिया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख ने कहा कि सेना अधिनियम, 1952 के तहत नागरिकों की गिरफ्तारियां, जांच और मुकदमे असंवैधानिक व अमान्य हैं तथा कोई कानूनी प्रभाव नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि ये संविधान, कानून का शासन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अस्वीकार करने के समान है।
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भड़की हिंसा को लेकर इमरान की मांग
एक रिपोर्ट के अनुसार, खान ने अपनी गिरफ्तारी के बाद नौ मई को भड़की हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश देने का शीर्ष न्यायालय से अनुरोध किया है। खबर के अनुसार, याचिका में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम नवाज, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का आरोप
इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नौ मई के हमलावरों ने पाकिस्तान की अस्मिता पर हमला किया और देश के दुश्मनों को जश्न मनाने का मौका दिया। शहबाज शरीफ ने 25 मई को एक ट्वीट में कहा, “मैं नौ मई की दुखद घटनाओं को महज एक प्रदर्शन के रूप में नहीं देखता हूं, जो हिंसक हो गई थी। इसकी साजिश जिन लोगों ने रची थी, उनके मंसूबे नापाक थे।”