प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेलों के प्रति दोयम दर्जे की सोच को देश के लिए हानिकारक बताते हुए कहा कि इसके कारण असंख्य युवा और बेहिसाब प्रतिभाएं मैदान से दूर रहीं। पिछले 8-9 सालों में देश ने पुरानी मानसिकता को पीछे छोड़ कर खेलों के लिए बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 18 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बस्ती जिले में आयोजित किए जा रहे सांसद खेल महाकुंभ 2022-23 के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। सांसद खेल महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बस्ती से लोकसभा सांसद हरीश द्विवेदी की पहल पर 2021 से किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के संबोधन की खास बातेंः
-इस मौके पर प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब खेलों को पाठ्येतर गतिविधि (एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज) माना जाता था। यानी इसे पढ़ाई से अलग केवल समय व्यतीत करने का जरिया समझा जाता था। इसलिए, पीढ़ी दर पीढ़ी समाज में एक मानसिकता विकसित हुई कि खेल इतना महत्वपूर्ण नहीं है। इस मानसिकता से देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
-उन्होंने कहा कि इस सोच की वजह से असंख्य युवा और बेहिसाब प्रतिभाएं मैदान से दूर रहीं। पिछले 8-9 सालों में देश ने इस पुरानी मानसिकता को पीछे छोड़कर खेलों के लिए बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है। यही कारण है कि युवा अब खेल को करियर के रूप में चुनने लगे हैं। हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन हों, ट्रेनिंग हों, टेक्निकल नॉलेज हों, इंटरनेशनल एक्सपोजर हो और उनके चयन में पारदर्शिता हो। इन सभी बातों की तरफ जोर दिया जा रहा है।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि बस्ती महर्षि वशिष्ठ की पावन भूमि है। यह श्रम, साधना, तप और त्याग की भूमि है। एक खिलाड़ी के लिए उसका खेल भी साधना और तपस्या है, जिसमें वह खुद को तपाता रहता है। यह खेल महाकुंभ सभी प्रतिबद्ध खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करने का शानदार अवसर प्रदान करेगा।
-नमो ने खेलों के महाकुंभ के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे स्थानीय खिलाड़ियों को उड़ान भरने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लगभग 200 सांसदों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इस तरह के आयोजन किए। उन्होंने कहा, “मैं काशी से सांसद हूं। वहां भी इस तरह के खेल आयोजनों का सिलसिला शुरू हो गया है। कई जगहों पर इस तरह के खेल महाकुंभ का आयोजन कर सांसद खेल आयोजन कर नई पीढ़ी के भविष्य निर्माण का काम कर रहे हैं।”
-प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सांसद खेल महाकुंभ’ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को ‘भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्रों’ में आगे के प्रशिक्षण के लिए चुना जा रहा है। इसका लाभ देश की युवा शक्ति को मिलेगा। इस महाकुंभ में 40 हजार से ज्यादा युवा हिस्सा ले रहे हैं।
पीएम ने कहा कि ‘सांसद खेल महाकुंभ’ की एक और विशेष बात है। इसमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियां हिस्सा ले रही हैं। मुझे विश्वास है कि बस्ती, पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश और देश की बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितायों में अपना दम-खम दिखाती रहेंगी। कुछ दिन पहले ही हमने देखा कि कैसे भारत की कप्तान शैफाली वर्मा ने महिला अंडर-19 टी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया। शेफाली ने ओवर की आखिरी गेंद पर लगातार 5 चौके और एक छक्का लगाकर एक ओवर में 26 रन बटोरे। ऐसी प्रतिभा भारत के कोने-कोने में बसती है।
मोदी ने कहा कि हमने ओलंपिक और पैरालंपिक में अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। अलग अलग खेलों के टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन चर्चा का विषय रहा है। लेकिन यह तो अभी शुरुआत है हमें और लंबी यात्रा करनी है और रिकॉर्ड बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बस्ती और दूसरे जिलों में खेलों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं, स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। देशभर में एक हजार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिसमें से 50 से अधिक सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं।
आगे उन्होंने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ खेल क्षेत्र की चुनौतियों का उत्कृष्ट रूप से सामना कर रहा है और उसका समाधान ढूंढ़ रहा है। यह ठीक से सुनिश्चित किया गया है कि हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन, प्रशिक्षण, तकनीकी ज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अनुभव और उनके चयन में पारदर्शिता हो।
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