महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय बडेट्टीवार ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि सूबे में पिछले 5 महीनों में 1076 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें आत्महत्या करने वाले 482 किसानों के आश्रितों को आर्थिक मदद दी गई है।
बडेट्टीवार ने सदन में विपक्षी सदस्यों के सवालों पर बताया कि राज्य में जून से अक्टूबर तक 1076 किसानों ने आत्महत्या की है। बता दें कि महाराष्ट्र देश में किसानों की आत्महत्या करने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल है। बिहार जैसे गरीब माने जाने वाले राज्य भी इस मामले में महाराष्ट्र से बेहतर स्थिति में है।
ये थे कारण
इन किसानों ने फसल पैदा न होने, बैंकों का कर्ज वापस न कर पाने और बैंक की ओर से बार-बार बकाया रकम की माग करने की वजह से आत्महत्या की है। राज्य सरकार किसानों को दी जाने वाली आर्थिक मदद को बढ़ाने का विचार कर रही है। सरकार इस तरह की आत्महत्या को आपदा में शामिल करने का भी विचार कर रही है।
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सबसे बड़ा सवाल
सरकारें आती हैं और जाती हैं, लेकिन प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का दौर चलता रहता है। इससे सरकार के दावे की पोल खुल जाती है। राजनीति के लिए किसानों की मदद करना और सच्चे मन से उनकी मदद करने में अंतर होने से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पता। राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में भी किसानों की आत्महत्या का दौर जारी है।