भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर गोरेगांव पत्राचाल घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की भूमिका की भी जांच करने की मांग की है। इस पत्र में भातखलकर ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से विशेष कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट का उल्लेख भी किया है। इस रिपोर्ट में पत्राचाल पुनर्विकास योजना के लिए ली गई बैठक का उल्लेख किया गया है।
विधायक भातखलकर ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि ईडी ने विशेष कोर्ट में पत्राचाल घोटाला मामले में चार हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सभागृह में पत्राचाल पुनर्विकास योजना की बैठक में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री और संजय राऊत भी उपस्थित थे। इसलिए इस मामले में पवार तथा कांग्रेस नेताओं की भी जांच की जानी चाहिए।
जानकारी के अनुसार गोरेगांव पत्राचाल पुनर्विकास योजना के संदर्भ में मुंबई के यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान में 12 अगस्त 2006 को बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री, तत्कालीन मुख्यमंत्री, शिवसेना सांसद संजय राउत तथा अन्य लोग शामिल हुए थे। इसके बात तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 3 अक्टूबर 2007 को फिर से इस मामले को लेकर बैठक की और पुनर्विकास का काम राकेश वधावन की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंप दिया था लेकिन ईडी ने चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया है। ईडी ने कहा है कि संजय राऊत ही इस मामले में प्रमुख थे और इस मामले में एक हजार 34 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि मामले में तीन करोड़ 28 लाख रुपये का आर्थिक लाभ संजय राऊत को हुआ है। इस घोटाले में राकेश वधावन, सारंग वधावन और प्रवीण राउत के बीच पैसों का लेन-देन होना भी बताया जाता है। इस चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि संजय राऊत के विदेश दौरे का पैसा इसी कंपनी ने खर्च किया गया था।
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