प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मई को शिमला के रिज मैदान से 130 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार बताते हुए प्रत्येक देशवासी के सम्मान, सुरक्षा, समृद्धि, सुख-शान्ति और कल्याण के संकल्प को दोहराया।
उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में मैंने एक बार भी खुद को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखा। जब मैं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता हूं तो मेरे पास पीएम की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जैसे ही फाइल चली जाती है, तो मैं सिर्फ 130 करोड़ लोगों का प्रधान सेवक रह जाता हूं, जो मेरे जीवन में सबकुछ है।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार के आठ साल पूरे होने पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ को संबोधित कर अपनी बात रख रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है, तो मैं अपना संकल्प फिर दोहराउंगा। हर भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, हर भारतवासी की समृद्धि के लिए, सुख-शांति और कल्याण के लिए जितना काम कर सकूं, उसे करता रहूंगा।”
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी। तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले इलाज के लिए पैसे जुटाने की बेबसी थी। आज हर गरीब को आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले ट्रिपल तलाक का डर था, अब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का हौसला है।
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