Prime Minister: राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच(Nationalist Muslim organization Muslim Rashtriya Manch) ने गुजरात की एक इंडिपेंडेंट रिसर्च एंड सर्वे कंपनी आयुर्वेदा फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट (Ayurveda Foundation Charitable Trust, an independent research and survey company of Gujarat) के माध्यम से देश के मुसलमानों के बीच अब तक का सबसे बड़ा सर्वे( Biggest survey so far among the Muslims of the country) कराया। इस राष्ट्रव्यापी सर्वे को ‘राम जन सर्वे’(Ram Jan Survey) का नाम दिया गया। सर्वे का मकसद यह जानना था कि श्रीराम, जय सिया राम और मर्यादा पुरुषोत्तम(Shri Ram, Jai Siya Ram and Maryada Purushottam) को लेकर मुस्लिमों की क्या राय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार(Prime Minister Narendra Modi Government) के प्रति देश का मुसलमान क्या राय रखता है, जिस तरह मुसलमानों और इस्लाम की छवि को लेकर बात की जाती है, वह कितनी सही एवं न्यायोचित है।
नरेन्द्र मोदी भारत के सफलतम प्रधानमंत्री
सर्वे में ये बात निकल कर आई कि राम जन जन में हैं, कण-कण में हैं और नरेन्द्र मोदी भारत के सफलतम प्रधानमंत्री हैं, जिनकी बात भारत ही नहीं पूरी दुनिया सुनती और मानती है। सर्वे के दौरान अनगिनत मुसलमानों ने खुले दिल से कहा जय श्री राम। सर्वे में एक और बात निकल कर आई कि वैसे तथाकथित उलेमा, मौलाना और विपक्षी नेता जो इस्लाम के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं, उनका पूर्णतः बहिष्कार होना चाहिए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने दी जानकारी
सर्वे के विषय में को विस्तृत जानकारी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने दी। आयुर्वेदा फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट ने सर्वे के लिए दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में 10,000 लोगों के बीच सर्वे किया। सर्वे में 74 प्रतिशत मुस्लिमों ने खुल कर अपनी राय राम मंदिर और 72 प्रतिशत मुसलमानों ने मोदी सरकार के पक्ष में दी। 26 प्रतिशत मुसलमानों ने मोदी सरकार पर अविश्वास जताया और धार्मिक कट्टरता की बात की। इन लोगों ने यह तो माना कि राम आस्था का सवाल है लेकिन वे कभी राम मंदिर जायेंगे, ऐसा उनका कोई विचार नहीं है और न ही मोदी सरकार पर वो विश्वास करते हैं। सर्वे के मुताबिक मुख्य बात निकल कर आई कि 74 प्रतिशत मुसलमान मंदिर निर्माण से खुश हैं। 70 प्रतिशत मुसलमानों को मोदी सरकार पर भरोसा है। 72 प्रतिशत मुसलमानों ने माना कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है और 70 प्रतिशत मुसलमानों को लगता है कि भारत विश्व शक्ति बनकर उभरा है।
मोदी ने किए कई बेहतरीन काम
देश के मुसलमानों का मानना है कि मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण से लेकर धारा 370, 35ए हटाने, गो सेवा पर प्रतिबंध से लेकर तीन तलाक पर कानून बनाने तक अनगिनत बेहतरीन काम किया है। सर्वे में खुल कर भी यह बात आई की मुसलमानों को जन-धन योजना से लेकर इज्जत घर अर्थात शौचालय निर्माण, उज्ज्वला योजना, मुफ्त राशन से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना तक का लाभ मिला है। देश का आम मुसलमान, बुद्धिजीवी, उलेमाओं और मौलाना मानते हैं कि वर्षों से खामख्वाह आरएसएस और भाजपा के नाम पर डराया धमकाया गया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आगे बढ़कर भाजपा और मोदी सरकार पर भरोसे कायम करने के लिए एक ऐतिहासिक मुहिम चलानी चाहिए। मुसलमानों ने यह भी माना के उनके बीच आरएसएस और भाजपा के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों ने जो नकारात्मकता फैलाई थी, उसे इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मुहिम और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाषणों, बरतावों व व्यवहारों तथा मोदी सरकार के कार्यों ने धराशाई कर दिया है।
राम सबके हैं और हर कोई राम का
देश का मुसलमान मानता है कि राम सबके हैं और हर कोई राम का है। इसलिए वैसी विघटनकारी शक्तियां जो राम के नाम पर देश का माहौल खराब करना चाह रही हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। मुसलमानों ने इस बात को भी खुले दिल से कहा कि इस्लाम में वैसी मस्जिद में इबादत हराम है, जो दूसरे धर्म के पवित्र स्थल को तोड़ कर बनाई गई हो। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद राम लला के मंदिर को तोड़ कर बनाई गई थी, जो एक नापाक और गुनाह भरा कदम था लेकिन अनेक वर्षों से चली आ रही लड़ाई को खत्म कर सुप्रीम कोर्ट ने सभी के साथ न्याय किया है और मोदी सरकार ने राम लला का मंदिर बना के प्राण प्रतिष्ठा की जो तैयारी की है, वह स्वागत योग्य है। राम लला के विराजमान होने को देश एक उत्सव की तरह सदैव मनाएगा और इसमें मुस्लिम समुदाय भी बढ़ चढ़ कर शिरकत करेंगे।
देश में कट्टरता होनी चाहिए समाप्त
सर्वे में एक बड़े तबके का मानना था कि देश में कट्टरता पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए। देश अमन चैन और सुकून के साथ विकास व विश्वास के साथ चलना चाहिए। मुसलमानों ने माना कि मोदी राज में वे सबसे अधिक सुरक्षित हैं और मोदी के कारण उनका भाजपा में विश्वास बढ़ा है। मुसलमानों ने माना कि मंदिर पर अदालत के फैसले से लोकतंत्र मजबूत हुआ है। मुसलमानों ने यह भी माना कि विपक्ष मुद्दाविहीन है।