हिंद प्रशांत क्षेत्र में चार देशों के संगठन क्वाड के गठन के बाद अब एक और क्वाड स्थापित होता दिख रहा है। खाड़ी क्षेत्र में अवतरित होने वाले इस क्वाड में भारत के साथ अमेरिका, इजरायल और संयुक्त अमीरात यानी यूएई शामिल है। इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने 18 अक्टूबर की देर रात वर्चुअल माध्यम से पहली बैठक की। इजरायल के दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी वहीं से इस बैठक में भाग लिया।
इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इजरायल और अमेरिका भारत की खाड़ी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा दखल चाहते हैं। यह दखल या हिस्सेदारी किस तरह की होगी, इस बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया। इस बारे में भविष्य में पता चलेगा, लेकिन इन चारों देशों के इस क्वाड का असर चीन और पाकिस्तान समेत विश्व भर के मुस्लिम देशों पर होने की संभावना है।
18 अक्टूबर की देर रात हुई पहली बैठक
18 अक्टूबर की देर रात हुई नए क्वाड की बैठक के बारे में अमेरिका की ओर से बताया गया है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, इजरायल के विदेश मंत्री येर लापिड और यूएई के विदेश मंत्री एबी जायेद के साथ बैठक हुई है। हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चारों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, समुद्री सुरक्षा और राजनीतिक व आर्थिक सहयोग मजबूत करने जैसे मुद्दों पर इस बैठक में बातचीत हुई है।
2020 में हुई अब्राहम संधि
बता दें कि अमेरिका, इजरायल और यूएई के बीच अगस्त 2020 में अब्राहम संधि हुई है। इससे पहले खाड़ी क्षेत्र के किसी भी देश के साथ इजरायल के कूटनीतिक संबंध नहीं थे। यूएई के बाद बहरीन ने भी इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए हैं। इस समझौते के तहत खाड़ी क्षेत्र में नए बदलाव की बात कही जा रही थी। अब अब्राहम संधि करने वाले इन देशों के साथ भरत की अलग से बैठक होना काफी महत्वपूर्ण है।
लग सकता है समय
भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन चारों देशों को रणनीतिक सहयोग की दिशा तय करने में अभी समय लग सकता है। बता दें कि क्वाड का गठन 2007 में ही हो गया था, लेकिन इसे मूर्त रुप लेने में करीब 10 साल लग गए। क्वाड में भारत के साथ ही अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं।