India- Canada Tension: भारत (India) और कनाडा (Canada) के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) ने नई दिल्ली (New Delhi) पर पिछले साल खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या (Killing of Khalistani terrorist) की जांच में ओटावा के साथ “सहयोग नहीं करने” का आरोप लगाया।
विदेश विभाग (Foreign Department) के प्रवक्ता (Spokesperson) मैथ्यू मिलर (Matthew Miller) ने 15 अक्टूबर (मंगलवार) को अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, “जहां तक कनाडा के मामले की बात है, तो हमने स्पष्ट कर दिया है कि आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हम चाहते थे कि भारत सरकार अपनी जांच में कनाडा के साथ सहयोग करे। जाहिर है, उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना है।”
#WATCH | “…We have made clear that the Canadian allegations are extremely serious and they need to be taken seriously and we wanted to see the Government of India cooperate with Canada and its investigation. But, India has chosen an alternate path…” says US Department of… pic.twitter.com/Eqb7JSAUon
— ANI (@ANI) October 15, 2024
कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक दिन पहले आरोप लगाया था कि पिछले साल जून में सरे में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे। गौरतलब है कि भारत ने पहले ही निज्जर को खालिस्तानी आतंकवादी घोषित कर दिया था, लेकिन कनाडा उसे सिख “नेता” कहता रहा है।
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हिंसक कृत्यों में शामिल
ट्रूडो ने आरोप लगाया, “आरसीएमपी के पास स्पष्ट और पुख्ता सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अभी भी शामिल हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं। इसमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर दबाव डालना और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में शामिल होना शामिल है। यह अस्वीकार्य है।”
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भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज किया
आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने न केवल कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया, बल्कि नई दिल्ली से अपने छह राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “चूंकि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे, इसलिए कनाडा सरकार ने हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ सबूतों का एक टुकड़ा भी साझा नहीं किया है। यह नवीनतम कदम उन बातचीत के बाद उठाया गया है, जिसमें फिर से बिना किसी तथ्य के दावे किए गए हैं। इससे कोई संदेह नहीं रह जाता कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की एक जानबूझकर रणनीति है।”
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