India-China Relation: विदेश सचिव के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की पुष्टि, भारत-चीन संबंधों में आएगा सुधार?

यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस की यात्रा से पहले मिली है।

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File Photo

India-China Relation: विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस जयशंकर (S Jaishankar) ने 21 अक्टूबर (आज) एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय (Indian) और चीनी सैनिक (Chinese soldiers) मई 2020 में सीमा पर गतिरोध (border standoff) शुरू होने से पहले की तरह गश्त फिर से शुरू (patrolling resumed) कर सकेंगे।

आज इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि भारत और चीन हिमालय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर पहुंच गए हैं और इससे तनाव कम हो सकता है। यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस की यात्रा से पहले मिली है।

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2020 की स्थिति पर वापस
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘हम गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं और हम 2020 की स्थिति पर वापस आ गए हैं। इसके साथ ही हम कह सकते हैं कि चीन के साथ विघटन पूरा हो गया है। विवरण उचित समय पर सामने आएंगे। ऐसे क्षेत्र हैं जहां 2020 के बाद विभिन्न कारणों से, उन्होंने हमें रोका, हमने उन्हें रोका। हम अब एक समझौते पर पहुंच गए हैं जो गश्त की अनुमति देगा जैसा कि हम 2020 तक करते रहे थे।” विदेश मंत्री ने कहा कि एलएसी पर सफलता एक अच्छी घटना है जो “धैर्य और दृढ़ कूटनीति” के कारण हुई है।’

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द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों में सुधार
जयशंकर ने कहा, “… कई बार लोगों ने लगभग हार मान ली थी। हमने हमेशा कहा है कि एक तरफ हमें जवाबी तैनाती करनी थी और हम सितंबर 2020 से बातचीत कर रहे हैं। यह बहुत धैर्यपूर्ण प्रक्रिया रही है, हालांकि यह जितनी होनी चाहिए थी, उससे कहीं अधिक जटिल है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि हम किसी समझ पर पहुँच गए हैं, तो मुझे लगता है कि यह सीमा पर शांति और सौहार्द के लिए आधार तैयार करता है, जो 2020 से पहले था। यह एक बड़ी चिंता थी। यदि शांति और सौहार्द नहीं है, तो द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों में कैसे सुधार हो सकता है?”

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व्यापार का जिक्र
हालांकि उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि लोग एलएसी के घटनाक्रम पर अटकलें लगा सकते हैं, लेकिन विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस बात पर प्रतिक्रिया देते समय “सावधानी” बरतेंगे कि क्या यह सकारात्मक घटनाक्रम व्यापार संबंधों तक फैलेगा। व्यापार का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “यह (एलएसी पर सफलता) अभी-अभी हुई है। मैं इस समय इतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ूंगा।”

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29 अगस्त को बीजिंग में बैठक
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की पिछली बैठक 29 अगस्त को बीजिंग में हुई थी। तब दोनों पक्षों ने एलएसी पर स्थिति पर खुलकर, रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया था, ताकि मतभेदों को कम किया जा सके और लंबित मुद्दों का जल्द समाधान निकाला जा सके। इस बात पर सहमति हुई कि शांति और स्थिरता की बहाली तथा एलएसी के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं।

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