दोहरे रवैये पर संयुक्त राष्ट्र में भारत ने चीन को घेरा, ताइवान को लेकर कही ये बात

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने चीन-ताइवान तनाव की पृष्ठभूमि में साझा सुरक्षा पर चीन को खरी-खरी सुनाई।

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बार फिर चीन को घेरते हुए दोहरे रवैये का आरोप लगाया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने चीन-ताइवान तनाव की पृष्ठभूमि में साझा सुरक्षा पर चीन को खरी-खरी सुनाई। कंबोज ने कहा कि कोई भी जबरदस्ती या एकतरफा कार्रवाई जो शक्ति से बदलने का प्रयास करती है, वह आम सुरक्षा का अपमान है।

रुचिरा कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब एक देश दूसरे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। उन्होंने इसके साथ चीन के दोहरे रवैये की तरफ इशारा करते हुए कहा कि साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब सभी देश आतंकवाद जैसे आम खतरों के खिलाफ एक साथ खड़े हों।

प्रधानमंत्री मोदी के संदेश का किया जिक्र
कंबोज ने 2020 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को भी याद किया, जिसमें पीएम ने कहा था कि प्रतिक्रियाओं, प्रक्रियाओं और संयुक्त राष्ट्र के चरित्र में सुधार समय की आवश्यकता है। हम सामान्य सुरक्षा की आकांक्षा कैसे कर सकते हैं, जब विकासशील देशों को निर्णय लेने के प्रतिनिधित्व से वंचित रखा जाता है।

अफ्रीका पर पूछा सवाल
कंबोज ने आगे कहा कि हमारे देश के लिए सबसे जरूरी सुरक्षा परिषद को विकासशील देशों का अधिक प्रतिनिधि बनाना है। ताकि इन देशों को भी अधिक प्रतिनिधित्व का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि हम इस भूल सकते हैं कि अफ्रीकी महाद्वीप का सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व नहीं है। काम्बोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से पूछा, हम अफ्रीका में सामान्य सुरक्षा की आकांक्षा कैसे कर सकते हैं, जब निकाय उन्हें स्थायी रूप से प्रतिनिधित्व से वंचित करता है।

संयुक्त राष्ट्र परिषद की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं और ये देश किसी भी मूल प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं। वहीं, सितंबर 2021 में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के जी-4 राष्ट्रों ने विकासशील देशों और प्रमुख योगदानकर्ताओं को प्रतिनिधि बनाने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार की तात्कालिकता को रेखांकित किया।

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