केंद्र की मोदी सरकार ने हिंदुओं और हिंदू प्रतीकों पर बढ़ते हमले और तोड़फोड़ को काफी गंभीरता से लिया है। सरकार कई देशों में घट रही इस तरह की घटनाओं पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही इन देशों को कड़े संदेश देने पर विचार कर रही है।
भारत ने लीसेस्टर में भारतीय समुदाय पर हुए हमले और हिंसा को लेकर कड़ा विरोध जताया है। सरकार इस बात को लेकर भी गंभीर है कि ब्रिटिश सरकार और अधिकारी अलगाववाद को बढ़ावा देने में लगे सिख कट्टरपंथियों की फंडिंग पर रोक के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
कनाडा और ब्रिटेन को दिया कड़ा संदेश
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने कनाडा और ब्रिटेन दोनों ही देशों की सरकारों को भारत विरोधी घटनाओं पर कड़ा संदेश देने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इन देशों में हिंदू विरोधी घटी घटनाओं को गंभीरता से लिया है।
भारत विरोधी रुख
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में रूस द्वारा जनमत संग्रह कराए जाने की कड़ी निंदा की है, लेकिन 19 सितंबर को ब्रैम्पटन और ओंटारियो में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा आयोजित जनमत संग्रह पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। मोदी सरकार ने ट्रुडो सरकार को तीन राजनयिक संदेश भेजकर जस्टिस फॉर सिख के जनमत संग्रह को रोकने को कहा है।
कनाडा ने दिया जवाब
ट्रू़डो सरकार ने भारत के संदेश का जवाब देते हुए कहा है कि कनाडा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करता है। वह इस तरह के जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देता। ट्रूडो ने यूक्रेन में रूस के कराए जा रहे जनमत संग्रह की तरह ही कट्टरपंथी सिखों द्वारा आयोजित जनमत संग्रह की भी निंदा की है। हालांकि ट्रुडो ने कहा है कि कनाडा में लोगों के इकट्ठा होकर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।
इन देशों मे हुए हमले
बता दें कि हाल ही में कनाडा के ओंटारियो के ब्रैंपटन में स्वामीनारायण मंदिर में हमले किए गए थे। इसे लेकर ट्रुडो सरकार ने कहा है कि वह इस घटना से व्यथित है। इस बारे में पूरी जानकारी पुलिस के साथ साझा की गई है। सिख कट्टरपंथी आंदोलन को इन दोनों देशों से फंडिंग की जाती है। कनाडा को पंजाब के गैंगस्टरों का केंद्र भी माना जाता है। भारत ने ब्रिटेन के साथ ही अमेरिका को भी कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि भारत विरोधी कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई न करना उसे सहयोग करने जैसा है।