Economy: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने लोगों से सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण(soldiers) में पूरे दिल से योगदान देने का आह्वान किया है। उन्होंने इसे प्रत्येक नागरिक का राष्ट्रीय कर्तव्य(National duty) बताया है। भारत के सैनिक हमेशा कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर दृढ़(Firm on the borders of the country), सतर्क और तैयार रहते हैं तथा साहस और तत्परता(Courage and readiness) के साथ देश को सभी प्रकार के खतरों से बचाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आगे बढ़कर हर संभव तरीके से उनका समर्थन करना राष्ट्र की सामूहिक जिम्मेदारी है।
वीर सैनिकों और उनके आश्रितों से दिल से दिल का जुड़ाव जरुरी
नई दिल्ली में 3 मार्च को सशस्त्र सेना झंडा दिवस कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (एएफएफडी सीएसआर) सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार भारत की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने तथा अपने सैनिकों के साथ ही उनके परिजनों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सीएसआर का मतलब सिर्फ 2 प्रतिशत योगदान नहीं है, बल्कि यह वीर सैनिकों और उनके आश्रितों से दिल से दिल का जुड़ाव है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित शीर्ष कॉर्पोरेट प्रमुखों से कहा कि आप जो भी योगदान देंगे, वह साधारण नहीं होगा। आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि कल जब आपकी वास्तविक बैलेंस शीट तैयार होगी, तो उसमें देनदारियों से ज्यादा संतुष्टि और खुशी की संपत्तियां होंगी।
निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
सीएसआर कॉन्क्लेव में रक्षा मंत्री ने मोदी सरकार की निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि सभी हितधारकों के सम्मिलित प्रयासों से आत्मनिर्भर और विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के साथ भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लेगा। उन्होंने एएफएफडी फंड में उदारतापूर्वक योगदान के लिए कॉरपोरेट घरानों की सराहना की और इस अवसर पर शीर्ष सीएसआर दानदाताओं को सम्मानित किया।
रक्षा मंत्रालय का पूर्व सैनिक कल्याण विभाग युद्ध विधवाओं, हुतात्मा सैनिकों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास के लिए कार्य कर रहा है, जिनमें दिव्यांग भी शामिल हैं। इसके लिए उन्हें उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं जैसे निर्धनता अनुदान, बच्चों की शिक्षा का अनुदान, अंत्येष्टि अनुदान, चिकित्सा अनुदान और अनाथ और दिव्यांग बच्चों के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। सम्मेलन में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सीएसआर समुदाय के सदस्य तथा सशस्त्र बलों के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कार्मिक शामिल हुए।
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