चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया भी साथ खड़ा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के लिए चीन सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता है। उन्होंने कहा है कि चीन की बढ़ती मुखरता कैनबरा और दिल्ली के बीच अधिक सहयोग को अनिवार्य बनाती है।
मार्लेस ने कहा कि वैश्विक नियम-आधारित व्यवस्था की रक्षा करने में ऑस्ट्रेलिया और भारत की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। हम भारत को ऑस्ट्रेलिया के वैश्विक दृष्टिकोण के लिए पूरी तरह से केंद्र के रूप में देखते हैं। हम दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों को रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर देखा है। हम 2020 में हुई भारतीय सैनिकों के प्रति नृशंस व्यवहार की घटना के संबंध में भारत के साथ खड़े हैं। हम देशों को बीच विवादों को शांतिपूर्वक तरीके से हल करने के हिमायती हैं।
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मार्लेस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया चीन और रूस के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर भी चिंतित है। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग की अधिक गुंजाइश है, जबकि फिजी में महत्वपूर्ण भारतीय प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए हमने बहुत काम किया है।
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