EVM: भारतीय चुनाव आयोग ने हैकर्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम में हेराफेरी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बयान का जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि भारतीय ईवीएम को फुलप्रूफ बनाया गया है। इसमें किसी भी नेटवर्क या वाई-फाई से कनेक्ट करने की क्षमता नहीं है। इसलिए ईवीएम के डेटा तक कोई भी अनधिकृत रूप से पहुंच नहीं सकता है।
कैलकुलेटर के समान करती है कार्य
चुनाव आयोग के एक सूत्र ने कहा कि ईवीएम साधारण कैलकुलेटर के समान कार्य करती है, केवल वोटों की सही गणना करने के लिए ईवीएम होती हैं। आयोग ने जोर देकर कहा कि पांच करोड़ से अधिक मतदाताओं द्वारा सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों को वोटों की गिनती के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सावधानीपूर्वक सत्यापित और मिलान किया गया। इससे मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बल मिलता है। सुप्रीम कोर्ट कठोर कानूनी जांच के माध्यम से भी इनकी जांच कर चुका है। साथ ही वास्तविक चुनावों से पहले किए गए मॉकपोल के जरिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सत्यापन किया गया है।
तुलसी गबार्ड ने उठाया था सवाल
उल्लेखनीय है कि भारत में चुनाव के दौरान प्रयोग की जाने वाली ईवीएम को लेकर तुलसी गबार्ड ने सवाल उठाया था। गबार्ड ने 10 अप्रैल को दावा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम के जरिए चुनाव में छेड़छाड़ के महत्वपूर्ण जोखिम हैं। ये सिस्टम लंबे समय से हैकर्स के लिए अतिसंवेदनशील रहे हैं, जिनमें मतदान के परिणामों में हेरफेर करने की क्षमता है। इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि कैसे ये इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम बहुत लंबे समय से हैकरों के लिए आसान टार्गेट थीं और वोटों के परिणामों में हेरफेर करने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सकता था। उन्होंने इस आधार पर अमेरिका में पेपर बैलेट के इस्तेमाल की वकालत की।