“सभी रिकॉर्ड रखें सुरक्षित!” प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर सर्वोच्च निर्देश

प्रधानमंत्री की सुरक्षा मे चूक को लेकर सुनवाई के पहले दिन सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

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पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा मे चूक को लेकर सुनवाई के पहले दिन सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने पंजाब सरकार की ओर से गठित कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह खुद जांच का हिस्सा है। न्यायालय ने प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।

सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का निर्देश
न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधान मंत्री की यात्रा के सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला किसी के भरोसे पर नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि यह मामला सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा है। इसलिए एनआईए के अधिकारी इस जांच में सहयोग कर सकते हैं।

देश की हुई बदनामी
सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस, एसपीजी और अन्य केंद्रीय तथा राज्य सुरक्षा एजेंसियों को रिकॉर्ड सुरक्षित करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस घटना ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया है। वहीं, पंजाब के महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने कहा कि राज्य सरकार मामले को गंभीरता से ले रही है। घटना के तुरंत बाद, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया। न्यायालय ने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटियों को इस मामले को अलग-अलग देखना चाहिए।

इस पीठ ने की सुनवाई
लॉयर्स वॉयस की ओर से दायर याचिका पर न्यायालय में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ के समक्ष हुई। वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से  दलील दी और मामले को गंभीर बताते हुए न्यायालय से जांच की मांग की।

10 जनवरी तक कोई भी कार्रवाई न करने का निर्देश
न्यायालय ने केंद्र और पंजाब सरकार के पैनल को  मामले में 10 जनवरी तक कोई भी कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। उस दिन मामले की अगली सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि गड़बड़ी और लापरवाही के कारणों की जांच की जानी चाहिए।

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