पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच छिड़ा विवाद गहरा गया है। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने विभिन्न मुद्दों पर पत्र लिखकर मांगी गई जानकारी नहीं देने पर 25 अगस्त को मुख्यमंत्री भगवंत मान को अंतिम पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने पूरा मामला राष्ट्रपति के समक्ष उठाने तथा आपराधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
राज्यपाल ने एक अगस्त को भी इसी तरह का पत्र लिखा था। प्रत्येक पत्र में उनकी भाषा बदल रही है और उनके संकेत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की तरफ बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में क्या हैः
25 अगस्त को मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 167 के स्पष्ट प्रावधानों के अन्तर्गत मुख्यमंत्री के लिए राज्य के प्रशासनिक मामलों संबंधी मांगी गई सभी जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है। राज्यपाल ने कहा कि मांगी गई जानकारी देना तो दूर, सीएम ने अनावश्यक और अनुचित टिप्पणियां करके अशालीनता का प्रदर्शन किया है, जिसे न केवल मेरे व्यक्तिगत, बल्कि राज्यपाल कार्यालय के प्रति अत्यधिक शत्रुता और प्रहार के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
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दवा की दुकानों में नशे का सामान
राज्यपाल ने कहा कि पंजाब में नशीले पदार्थों की बड़े पैमाने पर उपलब्धता और उपयोग के संबंध में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली हैं। यह आम बात हो गई है कि वे दवा की दुकानों में उपलब्ध हैं और एक नया चलन अब यह देखा गया है कि वे सरकार नियंत्रित शराब की दुकानों में भी बेचे जा रहे हैं। हाल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और चंडीगढ़ पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए लुधियाना में ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब के ठेकों को सील किया है।
कानून व्यवस्था पर सवाल
पंजाब में कानून व्यवस्था के चरमराने की ओर इस हद तक इशारा कर रहे हैं कि अब ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां स्थापित करने का फैसला किया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि राज्य में नशीले पदार्थों की समस्या के संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों संबंधी जानकारी भेजी जाए। ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।