दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) शराब घोटाले (Liquor Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की गिरफ्त (Arrested) से बेधड़क दिल्ली सरकार चला रहे हैं। अरविंद केजरीवाल खुद को एक कट्टर ईमानदार व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। लेकिन जैसे-जैसे शराब घोटाले की जांच आगे बढ़ रही है केजरीवाल का सच सामने आ रहा है।
पंजाब में खालिस्तानियों का समर्थन करने का आरोप अरविंद केजरीवाल पर लगते रहे हैं। लेकिन खालिस्तानियों के बड़े नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी को 1993 ब्लास्ट के दोषी भुल्लर को छोड़ने के एवज में करोड़ों रुपए का चंदा दिया था। खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरु पंतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो के माध्यम से पन्नू ने आरोप लगाया है कि 2014 से 2022 के बीच अरविंद केजरीवाल ने खालिस्तानियों से कुल 16.70 मिलियन डॉलर की राशि प्राप्त की है। लेकिन अपना वादा पूरा नहीं किया। पन्नू केजरीवाल से पूछा है कि देवेंद्र सिंह भुल्लर को क्यों नहीं छोड़ा। उसने केजरीवाल को धमकी दी है कि खालिस्तानी अपना हिसाब लेंगे।
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दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू होगा?
अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार बनाने के लिए राजनीति से भ्रष्टाचार मिटाने का वादा करके सत्ता तक पहुंचे। लेकिन, अब शराब घोटाले का सच सामने आ रहा है। अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में दूसरा सरकारी आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक में निशुल्क दावों की कमी नहीं होनी चाहिए इसका निर्देश जारी किया है। इससे पहले वह दिल्ली में पानी की कमी न होने का आदेश दिल्ली के मंत्री आतिशी को दे चुके हैं। अरविंद केजरीवाल संविधान की रक्षा करने की दुहाई देते रहे हैं लेकिन ईडी की हिरासत में मुख्यमंत्री बने रहकर वह राजनीति में नैतिकता के कौन से मापदंड खड़ा कर रहे हैं? दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हिंदुस्तान पोस्ट से बात करते हुए कहा की दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो इसके लिए संविधान विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।
केजरीवाल की कथनी और करनी में अंतर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने शब्दों के जाल में ही फंसते जा रहे हैं। उनके पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें वह भ्रष्टाचार के लिए ईडी, सीबीआई जैसी तमाम एजेंसियों को ताकत देने की बात करते थे लेकिन जब आप खुद जवाब देने की बारी आई तो उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।
बेचारा बनने की रणनीति
आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल के पुराने फार्मूले को अपनाना चाहती है जिसमें वह बेचारा बनकर अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाना चाहते हैं लेकिन भाजपा ने केजरीवाल को इस्तीफा देने के लिए एक बड़ी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
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