पत्रकार गिरीश कुबेर ने छत्रपति संभाजी महाराज और महारानी सोयराबाई के बारे में अपनी पुस्तक ‘रेनिसान्स स्टेट : द अनरिटेन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र’ में कथित रुप से आपत्तिजनक टिप्पणी की है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद संभाजी राजे ने इस मामले में कुबेर के प्रति अपना विरोध जताया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है।
संभाजी राजे ने कही ये बात
भाजपा सांसद संभाजी छत्रपति ने इस बारे में कहा है कि गिरीश कुबेर की पुस्तक ‘रेनिसान्स स्टेटः द अनरिटेन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र’ में शिवपुत्र छत्रपति संभाजी महाराज और महारानी सोयराबाई के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। मैं इस पुस्तक का विरोध करता हूं। छत्रपति संभाजी महाराज का योगदान सर्वविदित है। लेकिन किसी खास मकसद को हासिल करने के लिए इस तरह की बातें लिखी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रचार पाने के लिए बहुत से लोग इस तरह के अप्रासंगिक लेखन करते हैं। गिरीश कुबेर भी उनमें से एक हैं।
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कार्रवाई की मांग
संभाजी राजे ने कहा कि इस पुस्तक को महाराष्ट्र और पूरे देश में स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। साथ ही बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध इन सभी पुस्तकों को सरकार को अपने कब्जे में ले लेना चाहिए। यह बहुत ही गंभीर मामला है। संभाजी राजे ने मांग की है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर जल्द से जल्द ध्यान दे और उचित कानूनी कार्रवाई करे।
छत्रपती संभाजी महाराजांचे योगदान सर्वश्रुत आहे. काहितरी विशिष्ट हेतू साध्य करण्यासाठी, किंवा खोडसाळपणा करुन प्रसिद्धी मिळवण्यासाठी अश्या प्रकारचे संदर्भहीन लिखाण बरेच लोक करत असतात.यापैकीच एक हे असावेत.
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— Sambhaji Chhatrapati (@YuvrajSambhaji) May 25, 2021
कांग्रेस ने भी किया विरोध
कांग्रेस ने भी कुबेर की इस पुस्तक का विरोध किया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि राज्य सरकार को इस पुस्तक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए और गिरीश कुबेर को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। पटोले ने कहा कि पुस्तक में संभाजी महाराज के बारे में एक बेहद की आपत्तिजनक पाठ है। इस पुस्तक में संभाजी राजे और मातोश्री सोयराबाई रानीसाहेब के बारे में बहुत ही आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। कुबेर ने इस पुस्तक में मराठी अस्मिता को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है।
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सरकार ले संज्ञान
इस संबंध में बोलते हुए पटोले ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने का काम अभी भी कुछ कहानियों, उपन्यासों और किताबों के जरिए किया जा रहा है। आज एक बार फिर छत्रपति संभाजी राजे पर ऐसा ही कलंक लगाने की कोशिश की गई है। इससे सभी मराठी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि महाराष्ट्र के इस देवता का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से इसका संज्ञान लेते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।