हिजाब कानून में बदलाव करने के लिए तैयार ईरान सरकार, विरोध प्रदर्शन में जा चुकी है ‘इतने’ लोगों की जान

ईरान में हिजाब का विरोध 16 सितंबर को कुर्दिश ओरिजिन की 22 वर्ष की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुआ था।

159

ईरान में हिजाब के विरोध में जारी लगभग दो महीने से आंदोलन के बाद देश की इस्लामिक सरकार घुटने टेकती नजर आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने इस मामले में झुकने की तैयारी कर ली है। सरकार दशकों पुराने इस कानून में बदलाव लाने पर विचार कर रही है।

फिलहाल ईरान में हिजाब पहनना जरुरी है। इस कानून का उल्लंघन करने पर महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन पिछले दो महीने से इसका हिंसक विरोध जारी है। इस बीच सैकड़ों लोग मारे गए हैं। ईरान में शरिया पर आधारित हिजाब कानून लागू है।

यहां से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
हिजाब का विरोध 16 सितंबर को कुर्दिश ओरिजिन की 22 वर्ष की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुआ था। हिजाब नहीं पहनने को लेकर पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई थी। हालांकि ईरान प्रशासन इस बात से इनकार करता रहा है कि सहसा की मौत प्रताड़ना के कारण हुई। प्रशासन का कहना है कि उसकी मौत हादसा थी।

अमीनी की मौत के बाद हिजाब का विरोध केवल ईरान में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी शुरू हो गया है। हालांकि ईरान ने इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को अमेरिका और ब्रिटेन का षड्यंत्र तक बताया है। लेकिन आखिरकार सैकड़ों लोगों की जान जाने के बाद ईरान की इस्लामिक सरकार झुकने को तैयार दिख रही है। ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंताजेरी ने कहा कि संसद और न्यायपालिका दोनों मामले का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कानून में क्या बदलाव होगा, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अगले एक हफ्ते में इस बारे में स्पष्ट हो जाएगा। 3 दिसंबर को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि संविधान को लागू करने के कुछ तरीके हैं, जिससे इसमें लचीलापन लाया जा सकता है।

हिजाब से जुड़ी खास बातेंः
-अप्रैल 1983 से ही ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है।

– हालांकि ये जब से लागू हुआ है, तब से ही संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।

– कंजरवेटिव लोग इसे अनिवार्य करने के पक्ष में हैं।

– रिफॉर्मिस्ट इसे कानून के खिलाफ हैं।

-महसा अमीनी की बात के बाद जारी हिंसक आंदोलन में 300 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 448 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

-यूएन राइट्स चीफ का दावा है कि ईरान में बच्चों और महिलाओं सहित 14 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.