Land For Job Scam:लालू परिवार को राहत या आफ़त ? इस तिथि को होगा फैसला

लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे। लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान का है। भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

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Land For Job Scam: लैंड फॉर जॉब मामले (Land For Job Case) में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने ईडी (ED) की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर फैसला टाल दिया है। स्पेशल जज विशाल गोगने (Vishal Gogane) ने कहा कि चार्जशीट के दस्तावेज अभी पूरे पढ़े नहीं जा सके हैं। कोर्ट ने संज्ञान लेने के मामले पर 27 जनवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

लैंड फॉर जॉब मामला
जौरतलब है कि 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील मनीष जैन ने कहा था कि आरोपित अमित कात्याल ने 2006-07 में एके इन्फो सिस्टम नामक कंपनी का गठन किया। ये कंपनी आईटी से जुड़ी थी। इस कंपनी ने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया बल्कि कई भूखंड खरीदे। इनमें से एक भूखंड लैंड फॉर जॉब के जरिये हासिल किया गया। इस कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया। मनीष जैन ने कहा कि इस मामले में ईडी ने केवल अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है।

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एबी एक्सपोर्ट कम्पनी का है मामला
मनीष जैन ने कहा था कि एबी एक्सपोर्ट नामक कंपनी 1996 में एक्सपोर्ट का व्यापार करने के लिए गठित की गई थी। 2007 में एबी एक्सपोर्ट कंपनी को पांच कंपनियों के पांच करोड़ रुपये मिले और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में एक संपत्ति खरीदी गई। मनीष जैन ने कहा चूंकि इस मामले में सात भूखंडों का मामला है। इनमें से राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती ने भूखंड हासिल किए। बाद में इन्होंने इन भूखंडों को बेच दिया। 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपित बनाया है। ईडी ने हाल ही में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था। लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था। सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है।

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16 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट
सीबीआई से जुड़े मामले में कोर्ट ने 4 अक्टूबर, 2023 को बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी। कोर्ट ने 22 सितंबर, 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 3 जुलाई, 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।कोर्ट ने 27 फरवरी, 2023 को इन तीनों आरोपितों समेत सभी आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 7 अक्टूबर, 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

नौकरी के बदले जमीन
लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे। लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान का है। भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था। भोला यादव 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे। सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।

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