हमास के बर्बर हमले में इजरायल की होगी जीत- रणजीत सावरकर

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने इजरायल-हमास युद्ध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 1400 वर्ष पहले इस्लामिक आक्रमणकारियों ने यहूदियों को इजरायल से बाहर निकाल दिया था। लगभग 20-30 वर्षों के बाद, भारत में सिंध पर पहला आक्रमण हुआ।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने विश्वास जताया कि इजरायल पर हुए हमास के बर्बर हमले में इजरायल की जीत होगी। दशहरे की पूर्व संध्या यानि 23 अक्टूबर को दादर, शिवाजी पार्क के पास स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में इजरायल के कॉन्सुल जनरल (महावाणिज्य दूत) कोबी शोशानी द्वारा शस्त्र पूजन किया गया। अन्य शस्त्रों के साथ ही उन्होंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर द्वारा सौंपी गई तलवार का भी पूजन किया। रणजीत सावरकर उस समय बोल रहे थे।

इस अवसर पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाहक राजेंद्र वराडकर, ट्रस्टी शैलेन्द्र चिखलकर, सदस्य के. सरस्वती, कमलाकर गुरव, दीपक कनुलकर और विदेश नीति के विद्वान अनय जोगलेकर भी उपस्थित थे।

इजराइल के दुश्मन, भारत के दुश्मन
रणजीत सावरकर ने इजरायल-हमास युद्ध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 1400 वर्ष पहले इस्लामिक आक्रमणकारियों ने यहूदियों को इजरायल से बाहर निकाल दिया था। लगभग 20-30 वर्षों के बाद, भारत में सिंध पर पहला आक्रमण हुआ। भारत विभाजन के दौरान इस्लामिक जिहादियों द्वारा किए गए अत्याचारों को भारत आज भी नहीं भूला है। वही अत्याचार अब इजराइल में दोहराया जा रहा है। इसलिए भारत के लोग इजरायल के पीछे मजबूती से खड़े हैं, क्योंकि हमारी परंपराएं समान हैं। इजरायल और भारत के दुश्मन एक ही हैं। विस्थापन के बाद कई यहूदियों को भारत में बसाया गया। आज भी उनका और हमारा रिश्ता है। आज भी इजरायल में मराठी भाषी यहूदी हैं और मुझे गर्व है कि वे आज भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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