महाराष्ट्र के जालना लाठीमार मामले में पुलिस अधीक्षक को अवकाश पर भेज दिया गया है और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक को जिले से बाहर भेज दिया गया है। उच्च स्तरीय जांच के बाद निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां घोषणा की कि इस मामले की न्यायिक जांच भी करायी जायेगी।
बुलढाणा में दोनों उपमुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति में आयोजित सरकारी समारोह के मंच से मुख्यमंत्री शिंदे ने विपक्षी दलों के नेताओं की आलोचना की। इससे इस सरकारी समारोह को एक राजनीतिक जन सभा का रूप मिल गया। शिंदे ने विपक्ष की आलोचना करते हुए जालना लाठीचार्ज मामले में सख्त कार्रवाई की घोषणा की।
विपक्षी नेताओं के जालना दौरे की आलोचना
इस मौके पर उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विपक्षी नेताओं के जालना दौरे की आलोचना की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों शरद पवार, अशोक चव्हाण और उद्धव ठाकरे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि मराठा आरक्षण का गला घोंटने वालों को जालना में उनका गला काटते देखा गया। चाहे लंबे समय तक सत्ता में रहे अशोक चव्हाण हों या ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे उद्धव ठाकरे, मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष, लेकिन हर कोई जानता है कि उनके आंसू ‘मगरमच्छ के आंसू’ थे। मराठा आरक्षण के लिए उन्होंने क्या किया? शिंदे ने पहले की सरकार से ये सवाल भी पूछा।
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मराठा आरक्षण को लेकर जताई सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि जालना में लाठीमार एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, यह मेरे लिए भी दुखद है और सरकार के लिए भी। हालांकि, मुख्यमंत्री शिंदे ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार मराठा आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और वह दिन (मराठों को आरक्षण मिलने का) दूर नहीं है।