Jammu and Kashmir: अलगाववादी हुर्रियत को बड़ा झटका, इन दो समूहों ने तोड़ा नाता

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 27 मार्च (गुरुवार) को एक्स पोस्ट में लिखा कि कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी।

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Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में अलगाववादी आंदोलन को बड़ा झटका देते हुए दो और समूहों जेएंडके तहरीकी इस्तेकलाल (J&K Tehreek-e-Istiqlal) और जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकामत (J&K Tehreek-e-Istikamat) ने भी ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (All Party Hurriyat Conference) (एपीएचसी) से अपने सभी संबंध तोड़ लिए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 27 मार्च (गुरुवार) को एक्स पोस्ट में लिखा कि कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी।

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तहरीक-ए-इस्तिकामत
हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों- जेएंडके तहरीकी इस्तेकलाल और जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकामत ने अलगाववाद को त्याग दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गए नए भारत में अपना भरोसा जताया है। मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और कश्मीर में एकता की जीत की गूंज सुनाई दे रही है।

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जेके पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 25 मार्च को भी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो संगठनों- जेके पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववादी गतिविधियां त्यागने की घोषणा की थी। यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी और मसरूर अब्बास अंसारी की अध्यक्षता वाले जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के कुछ दिनों बाद हुआ था।

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