जी-23 के सदस्य कांग्रेस को मजबूत करेंगे या कमजोर?… जानिये इस खबर में

राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के साथ जी-23 के कई नेता जम्मू में जमा हुए हैं।

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देश के चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य पार्टियां भी काफी पहले से ही इन प्रदेशों में चुनाव की तैयारी में एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। इस हालत में कांग्रेस में एकजुटता और दूरदर्शिता का अभाव स्प्ष्ट दिख रहा है। पार्टी के जी-23 के नेताओं की जम्मू में बैठक हुई है। इस बैठक से मिल रही जनकारियों से यही पता चलता है कि आनेवाले पांच प्रदेशों के चुनाव के लिए कांग्रेस का ये बिखराव पार्टी के लिए घातक साबित होगा।

फिलहाल राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के साथ जी-23 के कई नेता जम्मू में जमा हुए हैं। बता दें कि आजाद यहां तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं।

बगावत की तैयारी?
इस दौरान जी-23 के ये नेता अलग ही रंग-तरंग में दिखे। केसरिया साफा बांधे इन नेताओं ने खुलकर अपनी बात रखी। हालांकि इन्होंने पार्टी से बगावत की कोई बात नहीं कही है। लेकिन इनके तेवर से ये साफ पता चलता है कि कांग्रेस के लिए भविष्य की राह और मुश्किल होने जा रही है।

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पार्टी की कमजोरियों को उजागर कर क्या करेंगे जी-23 के नेता?
जम्मू में इन नेताओं ने बात तो कांग्रेस की मजबूती की कही लेकिन चुनाव के ऐन पहले पार्टी की कमजोरियों को इस तरह से उजागर करना क्या पार्टी की सेहत के लिए सही है? फिलहाल कांग्रेस के जी-23 के इन नेताओं ने जो बातें कही हैं, उससे ये बात स्पष्ट  है, कि पार्टी में गुटबाजी को रोकना हाई कमान के लिए बड़ी चुनौती होगी।

कपिल सिब्बल
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने माना कि कांग्रेस कमजोर हुई है और हमें इसे मजबूत बनाना है। इस बात को हमें स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप प्लेन में सफर करते हैं तो आपको चलानेवाले के साथ ही एक इंजीनियर की भी जरुत होती है। इंजीनियर उसकी तकनीक के बारे में जानता है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के लिए इसी भूमिका में हैं। वे देश के सभी राज्यों की जमीनी हकीकत को जानते हैं।

मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आजाद एक संकल्पित कांग्रेसी नेता हैं। आजाद उन नेताओं में से हैं, जो कांग्रेस को समझते हैं। कांग्रेस-राष्ट्र दोनों को ही आजाद की जरुरत है।

राज बब्बर
राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम गाधी-23 हैं। और गांधी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है। पार्टी के आदर्शों के चलते आजाद बड़े बने। उनके रिटायरमेंट पर पीएम मोदी भी भावुक हो गए। आजाद ही सही मायनों में लोकतांत्रिक कांग्रेस हैं।

गुलाम नबी आजाद
इनके बोलने से पहले कार्यक्रम के शुरू में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि और भी कई नेता इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे। लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया। मैंने उन्हें कहा कि लोग अटकलें लगाने लगेंगे। फिलहाल मैंने उन्हें रोक दिया। बता दें कि इस कार्यक्रम में इन नेताओं के आलावा आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिह हुड्डा जैसे कांग्रेस के नेता मौजूद थे।

क्या है जी-23
जी-23 कांग्रेस के उन नेताओं का ग्रुप है, जिन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इस ग्रुप में कुल 23 नेता थे, इसलिए इस ग्रुप को जी-23 कहा जाता है। इस ग्रुप में से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व यूपी कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल यहां मौजूद थे।

पार्टी हाईकमान की रुख पर नजर
इन जी-23 नेताओं के इस तरह के तेवर पर पार्टी हाईकमान पर क्या रुख अपनाती है, यह देखनेवाली बात होगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव का ऐलान हो चुका है। बता दें कि आगामी चुनाव के मद्देनजर हाल ही में पार्टी नेता राहुल गांधी केरल के दौरे पर थे। फिलहाल वे तमिलनाडु में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन सच तो ये है कि राहुल और प्रियंका गांधी के आलावा कोई भी पार्टी नेता चुनाव की तैयारियों में सक्रिय नजर नहीं आ रहा है।

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