Jharkhand Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) (JMM) के असंतुष्ट नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा के एक दिन बाद 28 अगस्त (बुधवार) को पार्टी छोड़ दी। पूर्व मुख्यमंत्री (former Chief Minister) ने एक बयान में दावा किया कि उन्हें हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह “अपनी दिशा खो चुकी थी”।
सोरेन ने कहा, “JMM मेरे लिए एक परिवार की तरह था और मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं पार्टी छोड़ दूंगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसी चीजें हुईं, जिनसे मुझे बहुत दुख हुआ और मुझे यह कठिन कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया।
झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। pic.twitter.com/ZpAmm2dopr
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 28, 2024
यह भी पढ़ें- Bangla Bandh: ममता बनर्जी के इस बयान के खिलाफ बंगाल भाजपा प्रमुख ने अमित शाह को लिखा पत्र, जानें पूरा मामला
भाजपा में शामिल
मंगलवार को चंपई सोरेन ने घोषणा की कि वे संथाल परगना क्षेत्र में “आदिवासियों की पहचान बचाने” के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल वोटों की चिंता है। “बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में आज बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गई है। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि ये घुसपैठिए उन वीरों के वंशजों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की। इनके कारण फूल-झानो जैसी वीर नारियों को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों और बेटियों की अस्मिता खतरे में है,” सोरेन ने कहा।
यह भी पढ़ें- J-K cloudburst: रामबन में मृतकों की संख्या हुई तीन, चार लापता लोगों की तलाश जारी
मुद्दे पर गंभीर
उन्होंने कहा, “केवल भाजपा ही इस मुद्दे पर गंभीर है और अन्य दल वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। इसलिए आदिवासियों की पहचान और अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में मैंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है।” 67 वर्षीय चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे, जब 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले के मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा हेमंत सोरेन को जमानत दिए जाने के बाद उन्होंने 3 जुलाई को पद छोड़ दिया था। ऐसी खबरें थीं कि जिस तरह से हेमंत सोरेन के लिए रास्ता बनाने के लिए उन्हें शीर्ष पद से हटा दिया गया था, उससे चंपई सोरेन खुश नहीं थे। 26 अगस्त को असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community