JPC on Waqf Bill: कल्याण बनर्जी पर जगदंबिका पाल के गंभीर आरोप, ‘बनर्जी ने मेरे साथ दुर्व्यवहार…’

संसदीय समिति की बैठक विवादास्पद तरीके से शुरू हुई, जिसमें विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि उन्हें मसौदा कानून में प्रस्तावित बदलावों की समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।

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JPC on Waqf Bill: 24 जनवरी (शुक्रवार) को वक्फ विधेयक पैनल से विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने कहा कि टीएमसी के कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) द्वारा उनके खिलाफ असंसदीय भाषा (unparliamentary language) का इस्तेमाल करने के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

जगदंबिका पाल ने एएनआई से कहा, “हमें दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आज हमने जम्मू-कश्मीर से आए मीरवाइज उमर फारूक के प्रतिनिधिमंडल को समय दिया, जो विपक्ष की मांग थी… पहली बार हमने देखा कि ओवैसी साहब, जो आमतौर पर संसद में बिलों में हिस्सा नहीं लेते, वे भी बिल में शामिल हुए। और जिस तरह से कल्याण बनर्जी ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी, मुझे लगता है कि यह जानबूझकर किया गया था।”

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निशिकांत दुबे ने प्रस्ताव रखा
पाल ने कहा, “मैंने उनसे लगातार अनुरोध किया, लेकिन वे हंगामा करने को तैयार थे और निशिकांत दुबे ने प्रस्ताव रखा कि उन्हें और अन्य को निलंबित कर दिया जाए।” निलंबित किए गए सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नसीर हुसैन, मोहिबुल्लाह, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम-उल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।

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विवादास्पद तरीके से शुरू
संसदीय समिति की बैठक विवादास्पद तरीके से शुरू हुई, जिसमें विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि उन्हें मसौदा कानून में प्रस्तावित बदलावों की समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ पैनल से अपने निलंबन पर टिप्पणी करते हुए समिति की कार्रवाई की आलोचना की और दावा किया कि वे वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करने की जल्दबाजी कर रहे हैं।

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25-26 जनवरी को बैठक
उन्होंने कहा कि 25-26 जनवरी को बैठक के लिए सहमति जताने के बावजूद इसे 27 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि समिति मनमाने ढंग से काम कर रही है और मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इमरान मसूद ने एएनआई से कहा, “वे सब कुछ जल्दबाजी में कर रहे हैं और पहले दिन से ही ऐसा लग रहा था कि वे वक्फ संपत्तियों को हड़पना चाहते हैं। हमने 25 और 26 जनवरी को बैठक के लिए सहमति जताई थी, लेकिन अब उन्होंने इसे 27 जनवरी तक के लिए टाल दिया है। वे मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। वे बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं; वे सिर्फ वक्फ संपत्तियों को कुचलना चाहते हैं। हम सभी चाहते थे कि 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए। जेपीसी में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।”

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जेपीसी बैठक
मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी बैठक में जम्मू-कश्मीर, लेह और कारगिल के उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल की ओर से बात की। उन्होंने प्रस्तावित संशोधनों पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को अस्वीकार्य हैं और उनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को कमजोर करना है। मीरवाइज ने कहा, “वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के हित में नहीं हैं। यह समुदाय को कमजोर करने का एक प्रयास है और हमें उम्मीद थी कि प्रतिनिधिमंडल विधेयक पर आगे बढ़ने से पहले लोगों की वास्तविक चिंताओं को समझने के लिए कश्मीर का दौरा करेगा।”

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