Kailash Gehlot: पूर्व मंत्री ने क्यों छोड़ी AAP? जानें क्या कहा

गहलोत ने कहा कि ऐसे फैसले रातों-रात नहीं लिए जाते, बल्कि ये "लंबे समय" में लिए जाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ चीजों को समझने में समय लगता है।

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Kailash Gehlot: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में शामिल होने के एक दिन बाद, पूर्व आप नेता (former AAP leader) और दिल्ली के मंत्री (Delhi minister) कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने का “साहस” जुटाने में उन्हें काफी समय लगा। उन्होंने 19 नवंबर (मंगलवार) को कहा कि उनका फैसला आम आदमी पार्टी के कमजोर मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर लिया गया है।

गहलोत ने कहा कि ऐसे फैसले रातों-रात नहीं लिए जाते, बल्कि ये “लंबे समय” में लिए जाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ चीजों को समझने में समय लगता है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में गहलोत ने कहा, “मैं बार-बार दोहरा रहा हूं कि हम कुछ मूल्यों और सिद्धांतों से जुड़े हुए हैं। अगर हम उनमें कुछ कमी देखते हैं, तो मुझे लगता है कि मैंने पद छोड़ने का साहस जुटाया है।”

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विभागों के बंटवारे झगड़ा?
गहलोत ने संकेत दिया कि पार्टी में कुछ और लोग भी हैं जो पार्टी छोड़ना चाहते हैं, लेकिन वे “हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं”। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वे आप के साथ बने रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका किसी आप नेता या मुख्यमंत्री आतिशी से विभागों के बंटवारे को लेकर कोई झगड़ा है या वे उनसे नाराज़ हैं, गहलोत ने कहा कि उनका किसी से कोई विरोध नहीं है।

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‘यह निर्णय लेना आसान नहीं…’
भाजपा नेता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उन्हें आप कैबिनेट में परिवहन मंत्री के रूप में काम करने में मज़ा आया। उन्होंने कहा, “मुझे परिवहन को संभालने में आनंद और संतुष्टि मिली…मैंने अपना सारा समय परिवहन को संभालने में बिताया। मेरा किसी के खिलाफ़ कुछ नहीं है। यह सीएम का विशेषाधिकार है कि किसे कौन सा विभाग दिया जाना है। मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है।” कैलाश गहलोत ने कहा कि उनके लिए पार्टी छोड़ना आसान नहीं था। उन्होंने एएनआई से कहा, “मैंने कल कहा था कि यह फैसला (आप छोड़ने का) लेना आसान नहीं था, क्योंकि हम शुरू से ही इस पार्टी से जुड़े हुए थे। 2015 से ही हमें बहुत संघर्ष करना पड़ा।” उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति किसी फैसले के बारे में आश्वस्त हो जाता है…यह ऐसा नहीं है कि आप मॉल में जाकर जैकेट खरीद लें…यह बहुत गंभीर और भावनात्मक है। मैं दर्द में था…यह एक लंबी बात है।”

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झंडा फहराने पर विवाद
गहलोत ने यह भी कहा कि उन्हें 15 अगस्त को झंडा फहराने के विवाद की “जानकारी नहीं” है। भाजपा नेता ने कहा, “मुझे उस (तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल के पत्र) की जानकारी नहीं है, क्योंकि जेल से पत्र लिखने का एक प्रोटोकॉल है…मैंने गृह मंत्री के तौर पर इसे काफी करीब से देखा है। मुझे नहीं पता कि उस प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं। अगर प्रक्रिया का पालन किया गया होता, तो पत्र पहुंच गया होता।” गहलोत ने रविवार को दिल्ली के लोगों से किए गए वादों को प्रभावित करने वाली आंतरिक चुनौतियों और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।

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राजनीतिक एजेंडा
50 वर्षीय नेता ने अपने त्यागपत्र में कहा था, “लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।” सोमवार को गहलोत भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

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