अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शनिवार (30 नवंबर) को घोषणा की है कि वह संघीय जांच ब्यूरो (Federal Bureau of Investigation) का नेतृत्व काश पटेल (Kash Patel) को सौंप देंगे। काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense) के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं। तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस की बागडोर सौंपे जाने के बाद पटेल अब डोनाल्ड ट्रंप के आने वाले प्रशासन में मौका पाने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं।
ट्रंप ने काश पटेल को एफबीआई का निदेशक नियुक्त किया है। गुजराती काश पटेल ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ”मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ पटेल संघीय जांच ब्यूरो के नए निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक बेहतरीन वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका को प्राथमिका देने वाले’ योद्धा हैं, जिन्होंने अपने करियर के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर किया और न्याय तथा अमेरिका के लोगों की रक्षा की।’
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इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, ‘काश ने मेरे पहले कार्यकाल में शानदार काम किया। इस दौरान वह रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया विभाग के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोधक विभाग के वरिष्ठ निदेशक रहे। काश ने कोर्ट में 60 से अधिक सुनवाई में प्रशासन की ओर से पैरवी भी की।’
कौन हैं काश पटेल?
काश पटेल मूल रूप से गुजराती मूल के हैं, हालांकि उनका जन्म अमेरिका में हुआ था। कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया। 44 वर्षीय काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। वे हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के स्टाफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उन्हें कई जिम्मेदारियां दी गई थीं। वे रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर काम कर चुके हैं। पटेल कई विवादों में भी रहे हैं। उन पर ट्रंप प्रशासन के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था।
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