भारतीय जनता पार्टी को दावा किया कि शहर के सिविल लाइंस इलाके में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक घर की सजावट पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि नैतिकता के आधार पर अरविंद केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा के दावों पर दिल्ली सरकार या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पुराने निर्माण की जगह किए गए नए निर्माण
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया कि “यह नवीनीकरण नहीं था बल्कि पुराने ढांचे के स्थान पर नया ढांचा खड़ा किया गया है। उनका कार्यालय भी यहीं है। इस काम पर लगभग 44 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पुराने ढांचे की जगह नया ढांचा खड़ा किया गया है।”
कोरोना काल में खर्च की गई राशि
दस्तावेज में दिखाया गया है कि यह राशि 9 सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच छह किस्तों में खर्च की गई। दस्तावेज के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की सजावट पर 11.30 करोड़ रुपये, पत्थर और संगमरमर के फर्श पर 6.02 करोड़ रुपये, आंतरिक सजावट पर 1 करोड़ रुपये, बिजली की फिटिंग और उपकरणों पर 2.58 करोड़ रुपये, अग्निशमन प्रणाली पर 2.85 करोड़ रुपये और अन्य कामों पर ₹2.85 करोड़ शामिल हैं। वार्डरोब और एक्सेसरीज फिटिंग पर 1.41 करोड़, और किचन अप्लायंसेज पर 1.1 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 9.99 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि में से 8.11 करोड़ रुपये की एक अलग राशि मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में उनके आधिकारिक आवास पर खर्च की गई है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष का आरोप
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की सजावट पर 45 करोड़ रुपये की राशि ऐसे समय में खर्च की गई, जब दिल्ली कोविड-19 से जूझ रही थी। सचदेवा ने कहा, “केजरीवाल को अपने नैतिक अधिकार के बारे में दिल्ली के लोगों को जवाब देना चाहिए, जिसके साथ उन्होंने अपने बंगले के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि कोरोना काल में अधिकांश सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे।”
नैतिकता के आधार पर मांगा इस्तीफा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह निश्चित हो गया है कि केजरीवाल बंगले में नहीं बल्कि एक शीश महल में रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 से दिसंबर, 2021 तक 16 महीने की अवधि में कोरोना संक्रमण चरम पर था। उस समय औद्योगिक गतिविधियां ठप थीं और दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम हो गया था। उसके बावजूद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इतने पैसे खर्च कर घर को सजाया।
सचदेवा ने मांगा इस्तीफा
सचदेवा ने आरोप लगाया, ‘उस नाजुक दौर में केजरीवाल ने अपने घर पर करीब 45 करोड़ रुपये उड़ाए, यह उनकी संवेदनहीनता का बड़ा सबूत है।’
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की ”सादगी और ईमानदारी” बेनकाब हो गई है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
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