Khalistani Protests: भारत ने वैंकूवर में खालिस्तानी प्रदर्शन पर कनाडा के समक्ष दर्ज कराया कड़ा विरोध

संयुक्त सचिव (अमेरिका) नागराज नायडू ने दिल्ली में कनाडाई उप उच्चायुक्त को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया तथा जस्टिन ट्रूडो सरकार द्वारा खालिस्तानियों को खुली छूट दिए जाने पर नई दिल्ली की कड़ी आपत्ति जताई।

132

Khalistani Protests: भारत (India) ने 20 जून (गुरुवार) को वैंकूवर (Vancouver) में भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) के सामने खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों (Pro-Khalistan extremists) द्वारा ‘नागरिक अदालत’ आयोजित करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

संयुक्त सचिव (अमेरिका) नागराज नायडू ने दिल्ली में कनाडाई उप उच्चायुक्त को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया तथा जस्टिन ट्रूडो सरकार द्वारा खालिस्तानियों को खुली छूट दिए जाने पर नई दिल्ली की कड़ी आपत्ति जताई।

यह भी पढ़ें- NEET Controversy: ‘अभी NEET-UG रद्द नहीं होगा, उच्च स्तरीय समिति का गठन’- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

सरे में गोली मार कर हत्या
यह कठोर कूटनीतिक कदम कनाडा की संसद द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में ‘मौन का क्षण’ रखने के एक दिन बाद उठाया गया है। निज्जर, जिसे पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मार दी गई थी, खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के आतंकवादी गुरदीप सिंह उर्फ ​​दीपा हेरनवाला का पुराना सहयोगी था, जो 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में पंजाब में 200 से अधिक हत्याओं में शामिल था। कनाडाई खुफिया एजेंसियों ने लगातार निज्जर के बारे में यह कहानी गढ़ने की कोशिश की है कि वह कनाडा के सरे में गुरु नानक गुरुद्वारा का एक निर्दोष और धार्मिक विचारों वाला प्रमुख था।

यह भी पढ़ें- Sadabahar Plant: घर में सदाबहार पौधा रखने के 10 फायदे जानने के लिए पढ़ें

ट्रूडो वोट की बैंक की राजनीति
भारत सरकार के बार-बार विरोध के बावजूद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वे खालिस्तान से जुड़ी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन से अल्पमत की सरकार चला रहे हैं, जिसे भारत से नफरत करने वाले जगमीत सिंह चलाते हैं। इस महीने की शुरुआत में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रूडो से संक्षिप्त मुलाकात की, लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की, जो अपनी धरती से खालिस्तानियों द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी प्रचार पर नकेल कसने से इनकार करते हैं।

यह भी पढ़ें- Pro-tem Speaker: राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा के प्रो-टेम स्पीकर चुने गए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब

भारतीय एजेंटों की भूमिका का आरोप
पिछले साल, ट्रूडो ने कनाडाई संसद में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका का आरोप लगाया था, लेकिन अपने आरोपों को पुष्ट करने के लिए अभी तक कोई सबूत नहीं दिया है। पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सरकार ने प्रत्यर्पण के लिए 25 लोगों के नाम दिए हैं, लेकिन ट्रूडो सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इस सूची में कनाडा में शरण लिए हुए कुख्यात गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक आतंकवादी शामिल हैं।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.