खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल और अन्य दो ट्रस्टियों के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 22 अक्टूबर की मुलाकात के बाद लग रही तमाम अटकलों पर ट्रस्ट ने विराम लगा दिया। ट्रस्टियों ने अपनी सफाई दी कि मुलाकात के दौरान कोई चर्चा नहीं हुई और न ही टिकट मांगी गई।
23 अक्टूबर के खोडलधाम ट्रस्टी रमेश टीलाला ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल और अन्य ट्रस्टियों की मुलाकात बिल्कुल ही गैर राजनीतिक थी। उनके बीच किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं की गई थी। चुनाव को लेकर टिकट की मांग नहीं की गई। टीलाला ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को खोडलधाम में ध्वजा चढ़ाने के लिए आमंत्रण दिया गया था, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तिथि व समय का पीएमओ करेगा। इसके बाद आयोजन की रुपरेखा तय की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का खोडलधाम के साथ बहुत पुराना नाता
खोडलधाम के ट्रस्टी टीलाला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का खोडलधाम के साथ बहुत पुराना नाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी वे खोडलधाम आ चुके हैं। उस समय कृषि मेला का आयोजन किया गया था और लाखों लोग इसमें शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ ट्रस्टियों की मीटिंग करीब 45 मिनट तक चली। इसमें प्रधानमंत्री ने पाटीदारों की समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही सौराष्ट्र के उद्योग-धंधों के बारे में उन्होंने पूछताछ की। प्रेस वार्ता के दौरान प्रवक्ता हसमुख लणागरिया भी मौजूद रहे।
22 अक्टूबर को की थी मुलाकात
दरअसल, खोडलधाम के अध्यक्ष नरेश पटेल के साथ अन्य दो ट्रस्टियों रमेश टीलाला और दिनेश कुंभाणी ने 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद तमाम की अटकलों और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। इसके बाद रविवार को ट्रस्ट ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी।