Rajya Sabha: देश को गुमराह करने की साजिश…! रिजिजू ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ

संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने सदन में कांग्रेस के आचरण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री और सदन के नेता अपनी बात रखते हैं तो सदन में उस समय सबको सुनना होता है।

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Rajya Sabha: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू(Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju) ने संसद की कार्यवाही(Proceedings of Parliament) को बाधित करने को लेकर विपक्ष(opposition) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश को गुमराह करने की साजिश(Conspiracy to mislead the country) लंबी नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने और सुनने का अधिकार(Lokanttra mein sabko bolne aur shunna ka adhikar) है, लेकिन सदन को गुमराह करने का हक किसी को नहीं है।

स्पीकर बिरला का माना आभार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 3 जुलाई को राज्यसभा के 264वें सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने बाद संसद भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संसद के दोनों सत्रों के सफल संचालन के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का आभार व्यक्त किया। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए धैर्य के साथ सदस्यों द्वारा नीट और मणिपुर सहित तमाम विषयों पर अपनी बात रखी।

किया ये वादा
उन्होंने कहा कि हम संविधान से बंधे हुए हैं और नियम और परंपरा से हम आगे भी सदन चलाएंगे और सरकार भी चलाएंगे। देश की सेवा करते रहेंगे। विपक्ष यदि सकारात्मक भूमिका निभाता है तो हम सभी के लिए अच्छी बात होगी, जिससे हम मिलकर देश चलाएंगे।

लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकारऑ
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने सदन में कांग्रेस के आचरण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री और सदन के नेता अपनी बात रखते हैं तो सदन में उस समय सबको सुनना होता है, चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार है और सुनने का भी। जब प्रधानमंत्री ने लोकसभा में बोलना शुरू किया तो कांग्रेस और उनके कुछ सहयोगियों ने भारी हंगामा किया और प्रधानमंत्री के पूरे भाषण को बाधित किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है क्योंकि जब देश के प्रधानमंत्री बोलते हैं तो उन्हें बोलने के लिए पूरा समय दिया जाता है, यही परंपरा रही है। अगर वे बीच में टोकना चाहते हैं या स्पष्टीकरण देना चाहते हैं तो ठीक है। भाषण के दौरान कुछ रुकावटें जरूर की जाती हैं लेकिन आप शोर मचाकर और नारे लगाकर उन्हें पूरे 2 घंटे तक बोलने नहीं देंगे। ऐसा कभी नहीं हुआ। कांग्रेस पार्टी को यह सोचना होगा कि देश के प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश का नेतृत्व करते हैं।

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किया यह अनुरोध
मणिपुर पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कही गई बातों को पढ़ें। 2023 में स्वतंत्रता दिवस की सुबह प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की शुरुआत उन्होंने मणिपुर के लोगों से अपील के साथ की कि पूरा देश उनके साथ है। प्रधानमंत्री मोदी ने 17वीं लोकसभा में भी विस्तार से बात की थी।

नीट मुद्दे पर सरकार ने उठाये कड़े कदम
नीट मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बहुत स्पष्ट कहा है कि सख्त कदम उठाए गए हैं और आगे भी उठाए जाएंगे। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ हम सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि और कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें एक कानून भी पारित हो गया है। अब इस कानून के तहत आगे भी कार्रवाई की जाएगी। ये लोग (विपक्ष) सुबह से शाम और रात तक मोदी को गाली देते रहते हैं और फिर कहते हैं कि बोलने की आजादी नहीं है।

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