राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के नेताओं (Leaders) और कार्यकर्ताओं (Workers) के कड़े विरोध के बाद शरद पवार (Sharad Pawar) ने 5 मई को एनसीपी अध्यक्ष (NCP President) पद से अपना इस्तीफा (Resignation) वापस ले लिया। अब पवार एनसीपी के अध्यक्ष बने रहेंगे। अपना फैसला बदलने के बाद शरद पवार ने 6 मई को कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरे इस्तीफे पर मेरी पार्टी इतनी तीखी प्रतिक्रिया देगी।
कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी मुझसे अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध किया। पवार ने कहा कि एक साल के भीतर आम चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी से अलग होना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष को एकजुट करने पर काम कर रहे हैं।
इस्तीफे पर सच्चाई
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए सोच-समझकर खुद को तैयार किया था। मेरे पास संसद में अभी भी 3 साल और हैं और मैं भविष्य में एक अच्छी टीम बनाने के बारे में सोच रहा था जो राज्य और देश स्तर पर एनसीपी की जिम्मेदारी ले सके। इसलिए मैंने एक तरफ कदम बढ़ाने और अगली पीढ़ी को मौका देने के बारे में सोचा।
फैसला बदलने की मांग
गौरतलब हो कि शरद पवार ने मंगलवार को अपनी आत्मकथा के अद्यतन संस्करण के विमोचन के मौके पर एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, उनके इस फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कड़ा विरोध किया और पवार से अपना फैसला बदलने की मांग की था। हालांकि पवार ने एनसीपी के नए अध्यक्ष के लिए एक कमेटी बनाई थी। समिति की 5 मई को हुई बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए पवार के इस्तीफे को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। समिति के फैसले के बाद पवार ने इस्तीफा वापस ले लिया।
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