नरोश वत्स
Kolkata doctor rape-murder: वर्ष 2012 के निर्भया कांड (Nirbhaya case) ने जिस तरह देश को आक्रोश और क्षोभ से भर दिया था, वही काम कोलकाता (Kolkata) के आईजी कर मेडिकल कॉलेज (IG Kar Medical College) की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर (trainee female doctor) की दुष्कर्म के बाद हत्या कांड ने किया। पूरे देश में इस घटना के खिलाफ आक्रोश है।
इसी तरह 13 अगस्त को महाराष्ट्र के ठाणे जिला स्थित बदलापुर शहर के आदर्श विद्यालय के किंडर गार्डन में पढ़ने वाली तीन और चार वर्ष की दो बच्चियों का इस विद्यालय के एक सफाई कर्मी ने शारीरिक शोषण किया था। दो बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामना आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लेकिन महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर जिस तरह की सेलेक्टिव राजनीति हो रही है, वह बेहद चिंताजनक है।
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इंडी गठबंधन की ममता के प्रति नरमी
देश में महिलाएं लगातार असुरक्षित हो रही हैं। महिला संसद में, सड़कों पर अपमानित हो रही हैं। लेकिन राजनीतिक पार्टियां इस पर भी राजनीति करने से नहीं चुकतीं। कोलकाता में हुई प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद ममता सरकार जिस तरह की राजनीति कर रही है, उसकी पूरे देश में आलोचना हो रही है। हालांकि इंडी गठबंधन कोलकाता रेप और मर्डर कांड के विरोध में ज्यादा उग्र नहीं है।
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पांच दिन बाद राहुल गांधी का पोस्ट
कोलकाता में हुई वीभत्स घटना के बाद केंद्र में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 5 दिनों के बाद ट्वीट किया। राहुल गांधी ने कहा कि निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों है? हाथरस से उन्नाव और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे।
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राहुल गांधी के ट्वीट से ममता नाराज
राहुल गांधी के ट्वीट से मामला इतना बढ़ गया कि ममता बनर्जी ने न केवल ट्वीट पर नाराजगी जताई बल्कि उन्होंने शिकायत के लिए कांग्रेस के दो सीनियर नेताओं को भी फोन किया। इसके बाद कांग्रेस ने सफाई जारी करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कोई सियासी हमला नहीं बोला बल्कि वह सिर्फ कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के हत्याकांड पर महिला सुरक्षा के बारे में बात कर रहे थे। लड़की हूं लड़ सकती हूं, का नारा देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना पर कुछ भी कहना जरुरी नहीं समझा।
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अखिलेश ने किया ममता का बचाव
इंडी गठबंधन की सहयोगी सपा के प्रमुख अखिलेश यादव इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बचाव करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा “ममता बनर्जी खुद महिला हैं, एक महिला का दुख-दर्द वह समझती हैं। उन्होंने कार्रवाई की है। सीबीआई या अन्य संस्था से जांच कराने की जो मांग थी, वह भी फैसला सरकार ने ले लिया।”
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तेजस्वी ने दिया राजनीतिक रंग
राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने इस जघन्य अपराध को राजनीति रंग दे दिया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कन्नौज से कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में जिस तरह से प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की गई, उससे पूरे देश की जनता में उबाल है, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, जोकि खुद एक महिला हैं, उन पर आरोपियों को बचाने के आरोप लग रहे हैं। लेकिन चिंता की बात यह है राज्य की मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सभी एक महिला हैं। लेकिन पीड़ित महिला के परिवार वालों को न्याय नहीं मिल रहा है।
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महिला सुरक्षा पर सियासत
इसी तरह महाराष्ट्र के नेता उद्धव ठाकरे और सुप्रिया सुले जैसे नेताओं ने भी अपने राजनीतिक लाभ के हिसाब से बयान दिए। कोलकाता कांड पर इनका रुख नरम दिखा, जबकि बदलापुर कांड जघन्य अपराध दिखा। यहां तक कि इनके गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने बदलापुर कांड में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का भी एलान किया। यह बात अलग है कि उनके बंद का असर बहुत कम देखा गया।
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नफा-नुकसान देखकर बयाबाजी
पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक दलों का जैसा व्यवहार दिख रहा है, वे जिस तरह की भाषा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं उससे लगता नहीं कि राष्ट्र के लिए हम अब तक सुचिंतित और परिपक्व भूमिका निभाने को तैयार हैं। खासकर महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाओं पर जिस तरह की बयानबाजी वे अपने राजनीतिक नफे नुकसान को देखते हुए करते हैं उससे जनता के बीच उनकी साख लगातार गिर रही है। काश हमारे राजनीतिक दल इसे समझ पाते और संजीदा लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए न सिर्फ खुद प्रेरित होते बल्कि जनता को भी प्रेरणा देते।
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महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
कोई भी हॉस्पिटल महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षित ही माना जाएगा, लेकिन कोलकाता और बदलापुर की घटनाएं यह बताती हैं कि ऐसे कार्यस्थल भी महिलाओं के लिए निरापद नहीं रह गए हैं, जिन्हें अपेक्षाकृत उनके लिए सुरक्षित माना जाता है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज तो बंगाल का एक बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज है। वहां की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई।
रक्षक बन गया भक्षक
आपातकालीन वार्ड से सटे सेमिनार हॉल में हुई दुष्कर्म और हत्या का आरोपित संजय राय कोलकाता पुलिस का वालंटियर यानी उसकी जिम्मेदारी सुरक्षा देने की थी लेकिन वही सुरक्षा के लिए खतरा बन गया। यह मानने के अच्छे भले कारण है कि ममता सरकार और उनकी कोलकाता पुलिस ने इस जघन्य अपराध पर लीपापोती करने की हर संभव कोशिश की। इसी के चलते इस घटना को लेकर देश भर में वैसा ही आक्रोश उमड़ा, जैसा निर्भया कांड के बाद देखने को मिला था।
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