LAC: जिनपिंग से बोले मोदी, शांति से सुधरेंगे रिश्ते

प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों (border areas) में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।

284

साउथ अफ्रीका में तीन दिन चले ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit) के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच सीधी बातचीत हुई। इधर, पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) पर तनाव घटाने के लिए भारत (India) और चीन (China) ने लगातार 6 दिन तक मेजर जनरल स्तर की मैराथन वार्ता करके 24अगस्त 2023 देर रात खत्म की है। दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत
भारत और चीन के बीच 19 वें दौर की सैन्य वार्ता 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो में हुई थी। साढ़े तीन साल से चल रहे गतिरोध के बीच यह बैठक सबसे ज्यादा 70 घंटे तक चली, जिसमें कई मुद्दों पर सहमति बनती नजर आई थीं। उस समय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। दोनों पक्ष शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। बयान में यह भी कहा गया था कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।

सैन्य स्तर पर हुई गुप्त बैठक
भारतीय और चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी और चुशूल सेक्टर में एक बार फिर मेजर जनरल स्तर की वार्ता (conversation) 19 अगस्त को शुरू की। इस सैन्य बैठक को इतना गोपनीय रखा गया कि किसी को इस मैराथन कवायद की भनक तक नहीं लग सकी। दोनों देशों के बीच लगातार हुई बैठक का खुलासा 24अगस्त 2023 देर रात को तब हुआ, जब भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने डेप्सांग और डेमचोक क्षेत्र में लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए अपनी छह दिवसीय मैराथन वार्ता समाप्त कर ली।

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और एलएसी का सम्मान जरूरी
दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता उस दिन संपन्न हुई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स के आखिरी दिन शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (johannesburg) में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा मुद्दों पर वार्ता की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जोहान्सबर्ग में मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला।
चीनी राष्ट्रपति के सामने प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों (border areas) में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। विदेश सचिव ने कहा कि इस संबंध में दोनों नेता अपने-अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र विघटन और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए। दोनों सेनाएं अब बातचीत पर अपने वरिष्ठ नेतृत्व से निर्देश मांगेंगी और जल्द ही अंतिम निर्णय लेंगी।

साझा हितों पर हुई चर्चा
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर स्पष्ट और गहन विचारों पर चर्चा की। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है। दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए, जिससे संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति (Calmness) की रक्षा की जा सके।

यह भी पढ़ें – जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक में आये मेहमान सारनाथ पहुंचे, ऐसे किया गया स्वागत

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.