महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और अन्वय नाईक के परिजनों के बीच भूखंड के लेनदेन का आरोप भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने लगाया है। इसे लेकर शिवसेना ने अब आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। शिवसेना ने इस मामले में सोमैया के खिलाफ मानहानि का दावा करने की बात कही है। पार्टी विधायक रवींद्र वायकर ने इस बारे में कहा है कि अगर लेनदने में कोई गड़बड़ी हुई है तो सोमैया साबित करें।
‘बाप दिखाओ या श्राद्ध करो’
वायकर ने कहा कि मराठी आदमी को कोकण में नियम-कानून के अंतर्गत जमीन जायदाद बेचने-खरीदने का अधिकार नहीं है? क्या यह अधिकार केवल परप्रांतीय लोगों को है? उन्होंने दावा किया है कि 30 भूखंडों के लेनदेन नहीं किए गए हैं और अगर किए गए हैं तो किरीट सोमैया इसे साबित करें। उन्होंने कहा कि या तो बाप दिखाओ या श्राद्ध करो। वायकर ने दावा किया कि अन्वय नाईक के परिजनों से जमीन के लेनेदेन पूरी तरह से नियम-कानून के अंतर्गत हुए हैं। इसका विवरण हमने चुनाव के समय चुनाव आयोग को शपथ पत्र में भी दिया है। उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग को भी इस बारे में जानकारी है।
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मदद करने दौड़ी कांग्रेस
शिवसेना को संकट में देखकर कांग्रेस मदद करने दौड़ पड़ी है। इस बारे में बोलते हुए कांग्रेस से प्रवक्ता सचिन सावंत ने रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और भारतीय जनता पार्टी में संबंध होने का दावा किया है। सावंत ने कहा कि मृतक अन्वय नाईक को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को समर्थन करने के लिए जमीन के लेनदेन का मुद्दा उठाना बीजेपी की गंदी मानसिकता को दर्शाता है।
क्या कहना है सोमैया का?
किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि ठाकरे सरकार घोटालेबाजों की सरकार है। मैंने पहले नौ जमीनों के लेनदेन का सात बारह प्रस्तुत किया था। उसके बाद लोग मेरे पास आए और जानकारी दी कि अन्वय नाईक के परिजनों के साथ रश्मि उद्धव ठाकरे ने लेनदेन के 30 व्यवहार किए हैं। यह मेरे पास अब तक की जानकारी है। ठाकरे परिजनों ने इस तरह जमीन के लेनदेन के कुल 40 व्यवहार किए हैं, जिनमें से 30 अन्वय नाईक के परिजनों के साथ किए गए हैं।