Lok Sabha Election 2024: दिग्विजय सिंह और उदित राज को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें क्या है प्रकरण

दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा कि मुझे दो हफ्ते पहले ईवीएम हटाओ मोर्चा की ओर से 22 फरवरी को शांतिपूर्ण धरना देने का निमंत्रण प्राप्त हुआ था। यह धरना ईवीएम से देश में लोकसभा चुनाव न कराने के मुद्दे को लेकर था।

271

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) (ईवीएम) के मुद्दे को विपक्ष फिर से हवा दे रहा है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और पूर्व सांसद व ईवीएम हटाओ मोर्चा के संयोजक डॉ. उदित राज (Dr. Udit Raj) ने 22 फरवरी (गुरुवार) को मार्च निकाला। दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर में बिना अनुमति धरना करने के लिए उन्हें रायसीना रोड (Raisina Road) से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है।

दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा कि मुझे दो हफ्ते पहले ईवीएम हटाओ मोर्चा की ओर से 22 फरवरी को शांतिपूर्ण धरना देने का निमंत्रण प्राप्त हुआ था। यह धरना ईवीएम से देश में लोकसभा चुनाव न कराने के मुद्दे को लेकर था। इसे मैंने स्वीकार किया था। उन्होंने लिखा कि दो दिन पहले शांतिपूर्ण धरने की स्वीकृति भी निरस्त कर दी गई थी।

यह भी पढ़ें- Shashi Tharoor On Bilateral Relations: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भाजपा सरकार की विदेश नीति प्रशंसा की, जानें क्या कहा

ईवीएम के खिलाफ जंतर- मंतर पर प्रदर्शन
इस अवसर पर उदित राज ने कहा किए ईवीएम के खिलाफ जंतर- मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति माँगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अनुमति रद्द कर दी। हजारों लोगों को पुलिस ने भगा दिया और सैंकड़ों को गिरफ्तार कर लिया। वैकल्पिक स्थल यूथ कांग्रेस कार्यालय पर हम हजारों जमा हुए, जिनको दिग्विजय सिंह, दीपक बाबरिया, दीपंकर भट्टाचार्य, महमूद पराचा आदि ने संबोधित किया। जब हम प्रदर्शन करना चाहे तो गिरफ्तार कर लिया और अब संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में हैं।

यह भी पढ़ें- Human-wildlife Conflict: जंगली जानवरों के हमले में मृतकों के लिए केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, इतना मिलेगा मुआवजा

चुनाव बैलेट पेपर से करवाने की मांग
दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि अगर चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जाएं तो नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के लिए ईवीएम सबसे बड़ा हथियार है। देश के मुख्य न्यायाधीश से मांग करते हुए उन्होंने पूछा कि ‘आपको और क्या सबूत चाहिए? आप घोटालेबाजों और बेईमान लोगों को वीवीपैट ईवीएम में हेरफेर करने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जीतने की अनुमति कैसे दे सकते हैं। मुझे आप पर विश्वास है कि आपने स्वयं यह टिप्पणी की है कि सोर्स कोड, सॉफ्टवेयर ऐसा कर सकता है। क्या इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे हैकिंग या हेरफेर की अनुमति मिल सकती है? क्या मैं सही हूं?

यह भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.